आदित्य कुमार/नोएडा: पांच सदी से भी अधिक समय के लंबे इंतजार के बाद आज 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ. इस राम मंदिर को बनवाने के लिए कई लोगों ने अपना बलिदान दिया. आज यहां हम ऐसे ही एक शख्स का जिक्र करने जा रहे हैं. इस शख्स का नाम है रिंकू शर्मा. 10 फरवरी 2021 को राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने के कारण दिल्ली के मंगोलपुरी में रहने वाले बजरंग दल कार्यकर्ता रिंकू शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उस वक्त राजनीतिक पार्टियों व कई हिन्दू संगठनों ने रिंकू के परिजनों को मदद की पेशकश की थी, मुआवजा देने तक की घोषणा की गई थी, लेकिन अब जब उनकी हत्या के तीन साल बाद मंदिर बनकर तैयार हो गया है, रिंकू का परिवार अब किस हाल में रह रहा है आज हम आपको यही बताएंगे और यह भी बताएंगे कि उनके परिवार को प्राण प्रतिष्ठा में आने का न्योता मिला या नहीं.
राम मंदिर के लिए चंदा मांगने के कारण हुई हत्या
'भाई के नाम पर नहीं बना चौक, नेताओं का आना-जाना भी हुआ बंद'
रिंकू अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. अब उनके घर में पिता, माता और उनके दो भाई बचे हैं. रिंकू शर्मा के पिता अजय शर्मा एक निजी कंपनी में काम करते हैं, माता राधा देवी हाउस वाइफ हैं, छोटा भाई अंकित और मनु अभी पढ़ाई कर रहे हैं. मनु बताते हैं, 'भाई की हत्या राम मंदिर बनाने के लिए चंदा इकठ्ठा करने के कारण कर दी गई थी. मैं भी बजरंग दल में शामिल हूं. मनु शर्मा बताते हैं कि सभी आरोपित बाहर आ चुके हैं. अब तो डर नहीं है क्योंकि पुलिस को शिकायत दी थी. पुलिस हमसे मिलने आती रहती है. हम अपने भाई को बहुत याद करते हैं.' मनु कहते हैं कि जो हमारे भाई के नाम पर चौक बनना था वो अब तक नहीं बन पाया है. कागजी कार्रवाई चल रही है. मुआवजा भी नहीं मिला और नेताओं का आना-जाना बंद हो गया है.
'जिंदा होता तो अयोध्या जरूर जाता'
मनु बताते हैं कि रिंकू की हत्या के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़कने जैसे हालात हो गए थे. लोगों ने आरोपितों को कठोर सजा दिलाने के लिए खूब लड़ाई लड़ी थी. सड़कों पर खूब आंदोलन हो रहे थे लेकिन घटना के ठीक 3 साल बाद जब राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है तब भी हमारे घर के हालात ठीक नहीं है. रिंकू शर्मा के पिता अजय शर्मा बताते हैं कि अगर रिंकू आज जिंदा होता तो वह रामलला के दरबार जरूर जाता. हम उसे बहुत याद करते हैं.