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India Daily

6 साल बाद धुले मॉब लिंचिंग में मरने वालों को मिला न्याय, जानें पूरा माजरा

Dhule Lynching: साल 2018 में महाराष्ट्र के धुले में बच्चों का किडनैप करने की अफवाह के चलते 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 6 साल बाद फैसला दिया है. 

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Edited By: Purushottam Kumar
Dhule Lynching

Dhule Lynching: महाराष्ट्र के धुले में साल 2018 में हुए मॉब लिंचिंग केस में सेशन कोर्ट ने 6 साल बाद फैसला ले लिया है. धुले सेशन कोर्ट ने इस मामले में 7 लोगों को आजीवन कारावास तो वहीं पर 28 लोगों को बरी कर दिया है. उल्लेखनीय है कि धुले में हुई इस हिंसक घटना में बच्चों का किडनैप करने की अफवाह पर 5 लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने 40 लोगों को गिरफ्तार किया था और 35 पर मुकदमा दर्ज किया था.

इन आरोपियों को आजीवन कारावास

कोर्ट ने इस मामले में महारू पवार, दशरथ पिम्पलसे, हीरालाल गवली, गुलाब पाडवी, युवराज चौरे, मोतीलाल साबले और कालू गावित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल, इन पांचों लोगों ने बच्चा चोरी के शक में नाथपंथी डवरी गोसावी के पांच लोगों की हत्या कर दी थी. 

35 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस

इस मामले में कुल 35 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था लेकिन 28 लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने के चलते अदालत ने उन्हें बरी कर दिया. इसके बाद बाकी बचे 7 लोगों को आईपीसी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत सार्वजनिक कर्तव्य निभा रहे एक लोक सेवक पर हत्या, गैरकानूनी सभा, हमला और आपराधिक बल के उपयोग के आरोप में दोषी पाया गया. आरोपियों पर कोर्ट ने 10  हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, 1 जुलाई, 2018 को धुले जिले के रेनपाड़ा गांव में नाथपंथी डवरी गोसावी के पांच लोग अपनी आजीविका की तलाश में थे. इस दौरान बच्चा चोर होने के शक में भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. सभी 5 लोगों को ग्राम पंचायत कार्यालय में बंद कर उनकी मृत्यु होने तक उन पर हमला किया गया था.