नई दिल्ली: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर है. इसी बीच बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भगवान राम राजनीति का विषय नहीं हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण करना मूर्खता है. धर्म से राजनीति चलती है. राजनीति से धर्म नहीं चलता. अपनी पसंद के अनुसार राष्ट्रहित में वोट करें. भगवान राम की गरिमा एकता और शांति की अपनी नीति है. जो लोग इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं वे मूर्खतापूर्ण काम कर रहे हैं. भगवान राम सबके हैं. राम मंदिर जातिवाद के लिए नहीं बल्कि सभी राम भक्तों की आस्था के लिए बनाया जा रहा है.
ज्ञानवापी मामले और मथुरा जन्मभूमि के बारे में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इसमें कोई राय नहीं है, यह साबित हो गया है कि ज्ञानवापी में भगवान शिव हैं और कृष्ण जन्मभूमि कन्हैया की है. इन मामलों में राय की कोई जरूरत नहीं है. भारत में कानून और सुप्रीम कोर्ट है. फिलहाल एएसआई की रिपोर्ट से यहां सनातन का मंदिर होने का प्रमाण मिलता है. मुगलों अकबर, बाबर ने अतीत में हमारे हिंदू मंदिरों पर हमला किया था और आज घाव भर रहे हैं.
राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किये गए शास्त्री ने कहा कि यह कार्यक्रम दिवाली के त्योहार से भी ज्यादा खास है. यह सभी हिंदुओं और सनातनियों के लिए सबसे बड़ी जीत है. दुनिया भर के सभी भगवान राम भक्त इस दिन का इंतजार कर रहे है. राम मंदिर उद्घाटन के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, जिसमें गणमान्य व्यक्तियों और सभी क्षेत्रों के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होंगे. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. पीएम मोदी के हाथों भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.