Dharmendra Pradhan on MK Stalin: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन न होने को लेकर राज्यों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर एम के स्टालिन राज्यों को भड़का रहे हैं. वो नहीं चाहते कि राज्य नई शिक्षा नीति सही तरीके से लागू की जाए.
स्टालिन के बयान जिसमें उन्होंने कहा था नई शिक्षा नीति न लागू करने वाले राज्यों को केंद्र समग्र शिक्षा योजना के तहत धनराशि देने से इनकार कर रही है पर पलटवार करते हुए शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने उन पर आरोप लगाया.
धमेंद्र प्रधान ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- लोकतंत्र में राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हमेशा स्वागत योग्य होती है. हालाँकि, अपनी बात मनवाने के लिए राज्यों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना संविधान की भावना और एकीकृत भारत के मूल्य के खिलाफ है. नई शिक्षा नीति 2020 को व्यापक परामर्श के माध्यम से तैयार किया गया था.
Healthy competition amongst the states is always welcome in a democracy. However, pitting states against each other to make a point, goes against the spirit of the Constitution and the value of a unified India. NEP 2020 was formulated through wide range of consultations and has… https://t.co/16ntQqPQs8
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 9, 2024
उन्होंने स्टालिन से सवाल पूछा कि क्या आप तमिल समेत भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों और विषय-वस्तु के निर्माण का विरोध कर रहे हैं? क्या आप NEP के समावेशी ढांचे के खिलाफ हैं?"
Denying funds to the best-performing states for refusing to bow to the #NEP, while generously rewarding those who are not delivering on the objectives – Is this how the Union BJP Government plans to promote quality education and equity?
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 9, 2024
I leave it to the wisdom of our nation… pic.twitter.com/6whhTjD3bG
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने न्यूजपेपर की कटिंग शेयर करते हुए एक्स पर लिखा- "NEP के आगे झुकने से इनकार करने वाले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को धनराशि देने से इनकार करना, जबकि उद्देश्यों को पूरा नहीं करने वालों को उदारतापूर्वक पुरस्कृत करना, क्या इस तरह से केंद्र की भाजपा सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समानता को बढ़ावा देने की योजना बना रही है? मैं इसका फैसला हमारे देश और हमारे लोगों के विवेक पर छोड़ता हूं."