Munich Security Conference: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 2025 में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक समाज होने के कारण 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम है. उन्होंने यह बात ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलेपन को मजबूत करना’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा के दौरान कही.
जयशंकर ने यह टिप्पणी अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लॉटकिन के उस बयान के जवाब में की, जिसमें उन्होंने कहा था कि "लोकतंत्र मेज पर भोजन नहीं रखता". इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने कहा, "सीनेटर, आपने कहा कि लोकतंत्र आपकी मेज पर भोजन नहीं रखता है. वास्तव में... दुनिया के मेरे हिस्से में, यह (लोकतंत्र) ऐसा करता है। आज, हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं और हम 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराते हैं."
भोजन और लोकतंत्र के बीच संबंध को समझाया
विदेश मंत्री ने विस्तार से समझाया कि लोकतंत्र केवल राजनीतिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि का भी आधार है. उन्होंने कहा, "यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कितने स्वस्थ हैं और उनका पेट कितना भरा हुआ है."
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोकतंत्र के प्रभाव और खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में अलग-अलग अनुभव हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "कृपया यह न समझें कि यह एक तरह की सार्वभौमिक घटना है, ऐसा नहीं है."
ईमानदार संवाद की आवश्यकता पर जोर
जयशंकर ने कहा कि यह मान लेना गलत होगा कि लोकतंत्र हर जगह समान रूप से काम करता है. उन्होंने कहा, "कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां यह अच्छी तरह से काम कर रहा है, लेकिन हो सकता है कि कुछ हिस्से ऐसे हों जहां यह ठीक से काम न कर रहा हो." उन्होंने यह भी कहा, "मुझे लगता है कि लोगों को इस बारे में ईमानदारी से बातचीत करनी चाहिए कि ऐसा क्यों नहीं हो रहा है."
विदेशी हस्तक्षेप और राजनीतिक निराशावाद पर चर्चा
जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "एमएससी-2025 की शुरुआत ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलापन मजबूत करना’ विषय पर पैनल चर्चा से हुई. इसमें प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, इलिसा स्लॉटकिन और त्रजास्कोव्स्की भी शामिल हुए. भारत को एक प्रभावी लोकतंत्र के रूप में रेखांकित किया. मौजूदा राजनीतिक निराशावाद के प्रति असहमति जताई। विदेशी हस्तक्षेप पर अपने विचार रखे."
पैनल में शामिल अन्य प्रमुख व्यक्ति
इस पैनल चर्चा में जयशंकर के अलावा नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लॉटकिन, और वारसॉ के महापौर रफाल त्रजास्कोव्स्की भी शामिल हुए. पैनल चर्चा में विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ, जिसमें लोकतांत्रिक लचीलापन, राजनीतिक निराशावाद, और वैश्विक सुरक्षा पर जोर दिया गया.
भारत का मजबूत लोकतांत्रिक मॉडल
जयशंकर ने अपने बयानों से यह स्पष्ट कर दिया कि भारत का लोकतांत्रिक मॉडल न केवल राजनीतिक स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक कल्याण और आर्थिक सुरक्षा का भी मजबूत आधार है. उन्होंने यह भी बताया कि लोकतंत्र किस तरह से पोषण सहायता और भोजन वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.