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मेधा पाटकर को दिल्ली की अदालत ने बताया दोषी, LG वीके सक्सेना से क्या है इस केस का कनेक्शन

Medha Patkar vs VK Saxena: नर्मदा बचाओ आंदोलन की एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मानहानि के मामले में दोषी करार दिया है. ये केस तत्कालीन केवीआईसी वीके सक्सेना ने किया था.

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Edited By: India Daily Live
Medha Patkar vs VK Saxena
Courtesy: Social Media

Medha Patkar vs VK Saxena: पिछले 24 साल से मेधा पाटकर और दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के बीच चल रहे मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने फैसला दे दिया है. मामले में कोर्ट ने मेधा पाटकर को दोषी करार दिया है. साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को दोषी माना है. हालांकि, अभी उनको किसी भी तरह की सजा नहीं सुनाई गई है. मामला साल 24 साल पुराना यानी साल 2000 का है जब वीके सक्सेना और मेधा पाटकर ने एक दूसरे पर केस किया था.

वीके सक्सेना की ओर से किए गए मानहानि के केस में मेधा पाटकर के दोषी करार होने के बाद उन्हें सजा के तौर पर दो साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों मिल सकते हैं. ये मामला साल 2000 से चला आ रहा है. आइये जानें ये लड़ाई कैसे शुरू हुई थी.

साल 2000 का मामला

24 साल पहले मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन को लेकर काफी सक्रिय थीं. उस समय नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के माध्यम से तत्कालीन (KVIC) खादी और ग्रामोद्योग आयोग और दिल्ली के मौजूदा उप राज्यपाल वीके सक्सेना काफी सक्रिय थे. उन्होंने मेधा पाटकर के आंदोलन का खुला विरोध किया था. इस दौरान दोनों के बीच काफी बयानबाजी हुई थी. मानहानि का पहला मामला तभी से जुड़ा है.

साल 2000 में मेधा पाटकर ने अपने और नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ विज्ञापन को लेकर वीके सक्सेना के खिलाफ मानहानि का केस किया था. वहीं वीके सक्सेना ने भी अपमानजनक बयानबाजी करने के लेकर मेधा पाटकर पर मानहानि के दो केस दर्ज कराए थे.

वीके सक्सेना पर भी केस

साल 2002 में अहमदाबाद के गांधी आश्रम में मेधा पाटकर के नर्मदा बचाओ आंदोलन के दौरान उन पर हमला हुआ था. यहां उन्होंने गुजरात दंगों के बाद शांति समिति की बैठक बुलाई थी. इसी मामले में 4 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसमें वीके सक्सेना भी शामिल थे.

कुल 4 मामले

पहला केस- खुद के खिलाफ बयान बाजी को लेकर साल 2000 में वीके सक्सेना ने मानहानि का केस किया था
दूसरा केस- साल 2000 में ही वीके सक्सेना ने अपनी मानहानी को लेकर मेधा पाटकर पर केस किया था
तीसरा केस- मेधा पाटकर ने भी आंदोलन और खुद के खिलाफ विज्ञापन को लेकर मानहानि का केस वीके सक्सेना पर किया था
चौथा केस- साल 2002 में मेधा पाटकर पर हुए हमले को लेकर वीके सक्सेना का आरोपी बनाया गया था

हो चुकी है काफी कार्रवाई

24 साल से दोनों के बीच चल रहे इस 4 मामले में बहुत कार्रवाई हो चुकी है. पहली बार किसी एक केस में मेधा पाटकर को दोषी ठहराया गया है. हालांकि, अभी उन्हें सजा नहीं सुनाई गई है. वहीं इन चारों मामलों में कोर्ट ने इन्हें समझौते की सलाह दी थी लेकिन दोनों ने इनकार कर दिया था.