अब दिल्ली में छात्र नहीं कर पाएंगे AI का गलत इस्तेमाल, प्राइवेट स्कूलों ने निकाल लिया नया तरीका

दिल्ली के निजी स्कूलों ने छात्रों के एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ सॉफ़्टवेयर अपनाए हैं. यह सॉफ़्टवेयर यह जांचते हैं कि छात्रों ने अपना काम खुद किया है या इसमें किसी बाहरी स्रोत का सहारा लिया है. ऐसे कदमों से छात्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.

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एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का उपयोग कई क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके दुरुपयोग को लेकर चिंता भी बढ़ रही है. दिल्ली के निजी स्कूल इस विषय पर गहरी नजर रखे हुए हैं.

ये स्कूल यह सुनिश्चित करने के लिए सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं कि उनके छात्र अपनी पढ़ाई में एआई का गलत तरीके से इस्तेमाल न करें, खासकर जब बात उनके असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स की आती है.

AI वरदान या अभिशाप?

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही इसके दुरुपयोग की संभावना भी नजर आ रही है. छात्रों द्वारा अपनी असाइनमेंट और प्रोजेक्ट्स के लिए एआई का सहारा लिया जा सकता है, जो शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में स्कूलों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस बात पर नजर रखें कि क्या छात्र अपने काम में एआई का प्रयोग कर रहे हैं या नहीं.

सॉफ्टवेयर के माध्यम से निगरानी

दिल्ली के निजी स्कूलों ने छात्रों के एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ सॉफ़्टवेयर अपनाए हैं. यह सॉफ़्टवेयर यह जांचते हैं कि छात्रों ने अपना काम खुद किया है या इसमें किसी बाहरी स्रोत का सहारा लिया है. ऐसे कदमों से छात्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.

जैसे-जैसे एआई का उपयोग बढ़ेगा, वैसे-वैसे इसके दुरुपयोग पर कड़ी नजर रखना भी आवश्यक होगा. दिल्ली के निजी स्कूल इस मुद्दे पर तत्पर हैं और छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने का प्रयास कर रहे हैं.

एआई क्या है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक ऐसी तकनीक है, जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है. यह मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग जैसी तकनीकों पर आधारित है, जो डाटा विश्लेषण के जरिए स्वचालित रूप से सीखती और प्रदर्शन में सुधार करती है.

एआई के प्रमुख उपयोग

आज के समय में एआई का उपयोग कई क्षेत्रों में हो रहा है;

स्वास्थ्य क्षेत्र: एआई आधारित सॉफ़्टवेयर बीमारी की पहचान और इलाज में मदद कर रहे हैं.
शिक्षा: स्मार्ट लर्निंग प्लेटफॉर्म छात्रों को व्यक्तिगत अध्ययन अनुभव प्रदान कर रहे हैं.
व्यापार: ग्राहक सेवा में चैटबॉट्स और डेटा एनालिटिक्स कंपनियों की दक्षता बढ़ा रहे हैं.
ऑटोमेशन: ऑटोमेटेड मशीनें उद्योगों में उत्पादन क्षमता को बढ़ा रही हैं.