Delhi Pollution: खराब हुई दिल्ली की हवा, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
Delhi Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रैप का पहला चरण लागू कर दिया गया है.
Delhi Pollution: मानसून की विदाई के बाद देश की राजधानी दिल्ली की हवा अब जहरीली होती जा रही है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता की अगर हम बात करें तो यह खराब श्रेणी में पहुंच गई है. इसको लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता समिति ने होटल और रेस्तरां में कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में ग्रैप के नियम लागू कर दिए गए हैं.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ग्रैप को सक्रिय रूप से लागू करने के लिए जिम्मेदार एक वैधानिक निकाय है. आयोग के अनुसार पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मापदंडों में गिरावट दर्ज की गई है. इसके बाद दिल्ली का वायु गुणवत्ता 212 यानी खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. आयोग की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयासों के तहत पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से ग्रैप का पहला चरण लागू करने की आवश्यकता है.
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क्या है ग्रैप के नियम
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रैप के नियमों को लागू किया जाता है. ग्रैप को चार भाग में बांटा गया है. पहला चरण एक्यूआई 201-300 यानी खराब होने पर लागू किया जाता है. दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 यानी बहुत खराब होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 यानी गंभीर होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक यानी गंभीर से भी ज्यादा होने पर लागू किया जाता है.
ग्रैप के पहले चरण के तहत प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई किया जा सकता है. इस दौरान सड़कों के किनारे चलने वाले रेस्टोरेंट, भोजनालय और होटलों में कोयला जलाने पर रोक रहेगी. ग्रैप के दूसरे चरण में व्यक्तिगत वाहनों के इस्तेमाल को कम करने पर जोर दिया जाता है. तीसरे चरण में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन वाले और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाया जाता है. चौथे चरण में सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाता है.
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