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इजरायली तकनीक का इस्तेमाल कर दिल्ली पुलिस ने सुलझाया 80 लाख रुपये की डकैती का केस

Delhi News: पुलिस के मुताबिक, अली ने ही पीड़ित को निशाना बनाने का काम किया था, जबकि समीर ने लूट की वारदात को अंजाम दिया. दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Delhi police solve Rs80 lakh robbery case with Israeli facial recognition technology
Courtesy: Social Media

Delhi News: दिल्ली पुलिस ने इजरायली चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर 80 लाख रुपये की डकैती के मामले को सुलझा लिया है. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और पूरी चोरी की गई राशि बरामद की. यह घटना सोमवार को चांदनी चौक इलाके में हुई थी, जब एक व्यापारी के कर्मचारी से 80 लाख रुपये लूटे गए थे.

17 मार्च को, आर.के. एंटरप्राइजेज के कर्मचारी अजमल भाई गणेश, जो गुजरात के पाटन के रहने वाले थे, ने चूचा घासीराम क्षेत्र से 80 लाख रुपये एकत्र किए. जैसे ही वे फतेहपुरी की ओर जा रहे थे, उन्हें एक आरोपी ने हथियार के बल पर लूटने की कोशिश की. जब गणेश ने विरोध किया, तो आरोपी ने हवा में एक गोली चलाई और बैग छीन कर फरार हो गया.

CCTV फुटेज से मिला सुराग

दिल्ली पुलिस ने चांदनी चौक, लाल किला, जामा मस्जिद, दरयागंज और लाहौरी गेट क्षेत्रों में लगे करीब 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच शुरू की. जांच के दौरान, इजरायली चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे मुख्य आरोपी मोहम्मद अली की पहचान हो पाई. इस तकनीक ने अली को एक पूर्व मामले से भी जोड़ दिया.

इजरायली तकनीक ने आरोपी को भेजा जेला

डीसीपी राजा बंथिया ने बताया कि इस तकनीक की मदद से पुलिस ने अली का पता लगाया, जो दरयागंज का निवासी था. अली ने अपनी गिरफ्तारी के बाद, समीर नामक एक अन्य आरोपी के बारे में जानकारी दी. समीर को बाद में दरयागंज से गिरफ्तार किया गया.

समीर के घर से बरामद हुई लूटी गई राशि

समीर के घर में छापेमारी की गई, जहां से 79.5 लाख रुपये नगद, एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और तीन गोली, साथ ही अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई. अली को यह पहले से जानकारी थी कि चूचा घासीराम क्षेत्र में पैसे का आदान-प्रदान हो रहा है, और उसने इस इलाके में पहले से रकी की थी.