दिल्ली पुलिस ने 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले का किया भंडाफोड़, तीन साल से फरार व्यक्ति हुआ गिरफ्तार

ईओडब्ल्यू के बयान में कहा गया है कि आरोपी प्रफुल्ल कुमार नायक ने खुद को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का अधिकारी बताकर महामारी के दौरान कोविड-19 रोधी टीका के परिवहन से संबंधित कार्य आदेश का वादा करके पीड़ितों को ठगने में अहम भूमिका निभाई.

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दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में करीब तीन साल से फरार एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

ईओडब्ल्यू के बयान में कहा गया है कि आरोपी प्रफुल्ल कुमार नायक ने खुद को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का अधिकारी बताकर महामारी के दौरान कोविड-19 रोधी टीका के परिवहन से संबंधित कार्य आदेश का वादा करके पीड़ितों को ठगने में अहम भूमिका निभाई.

2022 का मामला 

यह मामला 2022 में सुनील कौशिक नामक व्यक्ति की शिकायत के बाद शुरू हुआ. कौशिक ने आरोप लगाया था कि कोविड-19 रोधी टीका के परिवहन के लिए सरकारी अनुबंध हासिल करने के नाम पर उससे चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) अमृता गुगुलोथ ने एक बयान में कहा, 'चार अतिरिक्त शिकायतों में भी इसी तरह की कार्यप्रणाली का खुलासा हुआ है, जिसमें आरोपियों ने पीड़ितों से सामूहिक रूप से 15 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की.'

ऐसे जाल में फंसाते थे अपराधी

जांच में पता चला कि मई 2021 में आरोपियों ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुख्यालय निर्माण भवन के परिसर में बैठकें आयोजित करके पीड़ितों को लालच दिया. बयान में कहा गया है कि जाली कार्य आदेश जारी किए गए और मंत्रालय के भ्रष्ट कर्मचारी के माध्यम से सरकारी परिसर में अवैध पहुंच का लाभ उठाकर विश्वास हासिल किया गया.

पुलिस ने बताया कि नायक को मंगलवार को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया.

अधिकारी ने बयान में कहा, 'इससे पहले, सरगना हरमन सभरवाल समेत आठ अन्य आरोपियों को 2022 में गिरफ्तार किया गया था. एक 'रिसेप्शन अधिकारी' और दो 'मल्टी-टास्किंग स्टाफ' सदस्य सहित मंत्रालय के कर्मचारियों को संलिप्तता के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.'

दिल्ली के पांडव नगर निवासी और मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले 48 वर्षीय नायक ने समूह को निर्माण भवन में प्रवेश कराने में मदद की.

उसने खुद को मंत्रालय का अधिकारी भी बताया और गिरफ्तार आरोपियों में से एक पवन राय के नेतृत्व में दो अलग-अलग संगठनों के माध्यम से वित्तीय लेनदेन किया. मामले में आगे की जांच जारी है.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)