Delhi Police Crime Branch: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित गोयल के मुताबिक, इंटरनेशनल ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट के सिलसिले में ये गिरफ्तारी की गई है. इस रैकेट का मास्टरमाइंड एक बांग्लादेशी था. डोनर और रिसीवर दोनों ही बांग्लादेश से थे. हमने रसेल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो मरीजों और डोनर की व्यवस्था करता था और ट्रांसप्लांट में शामिल महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है. आगे की जांच जारी है.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने बताया कि ये इंटरनेशनल गैंग हर ट्रांसप्लांट के लिए 25-30 लाख रुपये लेता था. ये गैंग 2019 से ये पूरा रैकेट चला रहा था. गिरफ्तार की गई 50 साल की महिला डॉक्टर की किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में शामिल होने की आशंका थी. महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किए जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ. महिला डॉक्टर पर पिछले कुछ वर्षों में 15-16 ऑपरेशन करने का आरोप है और महिला डॉक्टर को उसके पद से सस्पेंड कर दिया गया है.
#WATCH | Amit Goel, DCP Crime Branch says "7 people have been arrested in connection with an international organ transplant racket. The mastermind of this racket was a Bangladeshi. Both, donor and receiver were from Bangladesh. We have arrested a person named Russell, who used to… https://t.co/DCo40gMTBu pic.twitter.com/1uXJDnx09O
— ANI (@ANI) July 9, 2024
पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला डॉक्टर ने नोएडा के एक निजी अस्पताल में ये सर्जरी की, जिसमें ज़्यादातर मरीज़ बांग्लादेशी नागरिक थे और उनके डोनर भी बांग्लादेश से ही थे. आरोपी ने कथित तौर पर अपने जानकार के बैंक अकाउंट में पैसे मंगवाए और कैश भी लिया.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने खुलासा किया कि पूरा रैकेट बांग्लादेश से ऑपरेट किया जा रहा था. कथित तौर पर गिरोह के सदस्य बांग्लादेश के विभिन्न डायलिसिस सेंटर्स में जाकर संभावित डोनर्स की पहचान उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर करते थे. एक बार जब कोई मरीज 25-30 लाख रुपये देने के लिए तैयार हो जाता था, तो उसे भारत लाया जाता था. इसके बाद, आर्थिक रूप से कमजोर बांग्लादेशी को अपनी किडनी दान करने के लिए मजबूर किया जाता था.
Delhi Police Crime Branch arrested about 7 people including a doctor in connection with an organ transplant racket exposed by Delhi Police Crime Branch. The people involved in this racket had links in Bangladesh. They used to charge Rs 25-30 lakhs for each transplant. Both, the…
— ANI (@ANI) July 9, 2024
जांच से परिचित सूत्रों के अनुसार, नोएडा में सर्जरी से पहले डोनर्स को मरीजों का रिश्तेदार बताकर आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स तैयार कराया जाता था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार , महिला डॉक्टर की पहचान इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सीनियर सलाहकार और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. विजया कुमारी के रूप में हुई है. वो गिरोह के साथ काम करने वाली एकमात्र डॉक्टर थी और उसने कथित तौर पर 2021 और 2023 के बीच नोएडा स्थित निजी यथार्थ अस्पताल में लगभग 15-16 ट्रांसप्लांट किए.
रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के नाम पर फर्जी दस्तावेज कथित रूप से तैयार किए गए थे, ताकि डोनर और रिसीवर (दोनों बांग्लादेशी) के बीच पारिवारिक संबंध स्थापित किया जा सके, जैसा कि भारतीय कानून के अनुसार आवश्यक है.
#WATCH | Delhi Police Crime Branch arrested 7 people including a doctor in connection with an organ transplant racket exposed by Delhi Police Crime Branch. pic.twitter.com/DS8nikwwjo
— ANI (@ANI) July 9, 2024
इस मामले पर बात करते हुए, नोएडा स्थित यथार्थ अस्पताल के एडिशनल मेडिकल सुपरिटेंडेंट सुनील बालियान ने कहा कि विजया कुमारी, अस्पताल में विजिटिंग कंसल्टेंट के रूप में काम करती थी और मरीजों को लाकर किडनी ट्रांसप्लांट करती थी. उन्होंने स्पष्ट किया कि यथार्थ अस्पताल का कोई भी मरीज उन्हें नहीं दिया गया और पिछले तीन महीनों में उन्होंने केवल एक सर्जरी की है.