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India Daily

Delhi: पुलिसकर्मी बनकर लूट की वारदात को देते थे अंजाम, कागज के टुकड़े ने शातिरों को पहुंचाया जेल 

Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने शातिर लुटेरों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो पुलिसकर्मी बनकर लूट की वारदात को अंजाम देते थे. 

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Edited By: Amit Mishra
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Delhi Crime: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने लुटेरों के एक गैंग का पर्दाफाश किया है, जो खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर लूट की वारदात को अंजाम देते थे. बदमाश दिल्ली पुलिस का फर्जी आईकार्ड और नकली वायरलेस सेट लेकर चलते थे. पहला मामला दिल्ली पुलिस को सीमापुरी इलाके से पता चला, जब पीड़ित ने फोन कर बताया कि कुछ लोग उसके घर आए और खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर घर में घुस गए और 33000 रुपये लेकर चले गए. साथ में दो मोबाइल फोन भी ले गए.

जांच में सामने आई ये बात 

इसके अलावा एक और मामला सामने आया, जब 22 नवंबर को पुलिस को फोन कर एक अन्य पीड़ित ने बताया कि कुछ लोग दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर आए और उनसे 50,000 रुपए की लूट करके चले गए. एक ही जैसे लूट के दो मामले सामने आने के बाद पुलिस ने एक टीम बनाकर जांच शुरू की. सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता लगा कि आरोपी अलग-अलग मोटरसाइकिल पर आते हैं.

कागज के टुकड़े से मिली लीड

जांच करते हुए 22 नवंबर वाले मामले में पुलिस के हाथ एक छोटा सा कागज का टुकड़ा लगा, जो आरोपी लूट के दौरान गलती से छोड़ गए थे. ये छोटा सा कागज का टुकड़ा अप्रैल 2023 का ऑनलाइन पुलिस क्लिरेन्स सर्टिफिकेट का टुकड़ा था. इस सर्टिफिकेट की जांच करके पुलिस ने स्पेशल ब्रांच में परमिशन देने वाले अधिकारी और परमिशन मांगने वाले शख्स, जो अभी नेपाल में है उससे बात की.

पुलिस ने सबसे पहले किसे किया गिरफ्तार

जांच में पता लगा इस शख्स ने पुलिस वेरिफिकेशन फार्म की कॉपी शानू नाम के शख्स को दी थी, जो मौजपुर के घोंडा का रहने वाला है, ये शख्स खुद को पुलिस अफसर बताकर वैरिफिकेशन कराने का दावा कर रहा था. टेक्निकल सर्विलेंस के बाद पुलिस ने मौजपुर में आरोपी जीशान उर्फ शानू नाम के शख्स की पहचान की और इसे पकड़ा. इसके बाद 2 और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से वॉकी टॉकी, मोटरसाइकिल, पुलिस स्टिकर, सायरन, पुलिस यूनिफॉर्म बरामद की जो क्राइम में इस्तेमाल की गई थी.

जीशान था मास्टरमाइंड

पुलिस के मुताबिक आरोपी जीशान इस गैंग का मास्टरमाइंड था, जीशान अपने साथी जुबेर के जरिए दिल्ली पुलिस की यूनिफॉर्म अरेंज करता था, समीर जस्ट डायल पर कॉल करके सपा मसाज सेंटर के नंबर लेता था. एक और आरोपी अमजाद फर्जी कस्टमर बनकर इन स्पा सेंटर में जाता था, इसके सिग्नल के बाद बाकी गैंग मेम्बर्स जिसमें इमरान खुद को कांस्टेबल अशोक राणा बताता था. फर्जी आईडीकार्ड के साथ, जीशान उर्फ शानू खुद को सब इंस्पेक्टर जाकिर खान बताकर रेड टीम का अधिकारी बताता था.

स्पा सेंटर में भी की थी लूट

ये अपने साथ वॉकी टॉकी, फोन में लॉक स्क्रीन पर अपनी पुलिस यूनिफॉर्म में फोटो दिखाते थे और ये यकीन कराते थे कि ये पुलिस वाले है. ये सबसे पहले स्पा सेंटर वालों के फोन लूटते थे और फिर स्पा सेंटर में मौजूद लोगों से पैसे लूटते थे और उनके साथ मारपीट भी करते थे. इसी तरह यमुना पार के कुछ और स्पा सेंटर्स में भी इन्होंने ऐसे ही फर्जी रेड करके लूट की थी.