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India Daily

केजरीवाल की लुटिया डुबाने वाले 'शीशमहल' में नहीं रहेंगे नए CM, बीजेपी दिल्लीवालों को दिखाएगी आलीशान बंगले का सच

6 फ्लैगरोड पर स्थित यह बंगला दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक आवास था. बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा था. बीजेपी द्वारा दिल्ली चुनाव के प्रचार के दौरान 'शीश महल' का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया था.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Delhi next CM will not stay in Sheesh Mahal associated with Arvind Kejriwal, BJP writes to LG

भारतीय जनता पार्टी  ने सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से अनुरोध किया कि वह ‘शीश महल’ (6, फ्लैगस्टाफ रोड) से चार सरकारी संपत्तियों का विलय रद्द करें. यह मुद्दा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा के अभियान का अहम हिस्सा रहा है, जिसमें उनके ऊपर कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे.

'शीश महल' के विलय पर सवाल उठाए

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के आधिकारिक आवास को अत्यधिक विलासिता से भर दिया गया और यह संपत्ति चार अन्य सरकारी संपत्तियों को मिलाकर बनाई गई. उन्होंने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से इस विलय को वापस लेने की अपील की. सचदेवा ने पत्र में कहा, “नई सरकार यह तय करेगी कि इस बंगले का भविष्य में उपयोग क्या होगा, लेकिन यह साफ है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री इसमें नहीं रहेगा.”

केजरीवाल का आधिकारिक निवास और भाजपा का आरोप
यह बंगला अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था, जब वे 2015 से अक्टूबर 2024 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. अक्टूबर 2024 में उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच अपने इस्तीफे के बाद इसे खाली कर दिया था.

रोहिणी से भाजपा विधायक विजय गुप्ता, जो हाल ही में दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता थे, ने कहा कि अब जब यह बंगला जांच के अधीन है, तो भाजपा का मुख्यमंत्री इसमें नहीं रहेगा. उन्होंने यह भी बताया कि विलय से पहले की जमीन का उपयोग अन्य सरकारी उद्देश्यों के लिए किया गया, जैसे सरकारी आवासों का निर्माण.

भाजपा का आरोप: 'अवैध परिवर्तन और भव्यता'
भाजपा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने इस बंगले को 'शीश महल' में बदल दिया, जिसमें सरकारी संपत्तियों को अवैध रूप से जोड़कर इसे एक अत्यधिक भव्य परिसर बना दिया. भाजपा का दावा है कि इस पुनर्निर्मित बंगले का आकार 50,000 वर्ग मीटर से भी अधिक हो गया है, जबकि पहले यह एक सामान्य सरकारी आवास था.

वीरेंद्र सचदेवा ने पत्र में कहा, "ये संपत्तियां जिनमें 45 और 47 राजपुर रोड पर आठ टाइप-V फ्लैट्स और फ्लैगस्टाफ रोड पर दो सरकारी बंगले शामिल थे, को 6, फ्लैगस्टाफ रोड के बंगले के साथ जोड़ा गया था." उन्होंने उपराज्यपाल से अपील की कि इन संपत्तियों को उनके मूल स्वरूप में लौटाया जाए और फ्लैगस्टाफ रोड के 6 नंबर को 10,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र में वापस किया जाए.

जांच की त्वरित आवश्यकता
विजय गुप्ता ने उपराज्यपाल से यह भी अनुरोध किया कि वे इस मामले में जल्दी कार्रवाई करें और जांच प्रक्रिया को तेज करें, ताकि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित हो सके. उनका कहना था कि इससे सरकारी संस्थाओं में सार्वजनिक विश्वास बहाल होगा और लोगों को यह भरोसा मिलेगा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है.