'दिल्ली नहीं, दरिया कहिए,' हल्की सी बारिश क्यों नहीं बर्दाश्त कर पाती राजधानी?
दिल्ली में शुक्रवार सुबह-सुबह बारिश हुई तो भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिल गई. ये राहत, अपने साथ एक आफत लेकर आई है. दिल्ली की सड़कों पर जलभराव हो गया है और सड़कें ही दरिया जैसी नजर आ रही हैं. लोगों का कई इलाकों में निकलना मुहाल है. कई गाड़ियां, पानी में डूब गई हैं. दिल्ली का ये आलम क्यों हो जाता है, आइए समझते हैं.
दिल्ली में अगर कुछ बेहद खराब है, तो यहां का ड्रेनेज सिस्टम. दिल्ली एक बारिश भी नहीं झेल पा रही है. कई दिनों की भीषण बारिश के बाद अगर हल्की सी राहत मिली तो सड़कें ही तालाब बन गईं. सड़कों पर ऐसा पानी जमा है, जिसमें इंसान बोट चला ले. आलम ये है विनोद नगर बीजेपी पार्षद रविंद्र सिहं नेगी सड़कों पर बोट लेकर निकल पड़े और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को कोसने लगे. आलम ये है मंटो रोड से लेकर विनोद नगर तक की सड़कें पानी में डूब गई हैं. जगह-जगह सड़कें गड्ढे में तब्दील हो गई हैं. कहीं बस फंसी है, कहीं कार पूरी तरह से डूब गई है. लोगों को लादकर संसद भवन पहुंचाया जा रहा है.
दिल्ली में जरा सी बारिश हो और सड़कें डूबें नहीं ऐसा हो नहीं सकता है. दिल्ली सरकार, अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाई है. दिल्ली की हालत पर सिविल इंजीनियर उमाशंकर बताते हैं कि दिल्ली की सबसे बड़ी खामी ये है कि यहां लोकल ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं बन पाया है. जो बने हैं, वहां इतना सूखा कचरा पहुंच जाता है, जिसकी वजह से नालियां ब्लॉक हो जाती हैं.
क्यों पानी में डूबती हैं दिल्ली की सड़कें?
सिविल इंजीनियर पुष्पेंद्र त्रिपाठी बताते हैं दिल्ली की सघन आबादी में जो वॉटर बॉडीज हैं, उनकी सबसे बड़ी बुराई ये है कि वे या तो पट गई हैं, यां ओवर फ्लो होती हैं. यहां आबादी तो बसती गई लेकिन नालियों का किसी ने ख्याल ही नहीं रखा. दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से दुरुस्त करने की जरूरत है. चौड़ी सड़कें हैं, ओवर ब्रिज हैं लेकिन जल निकासी की कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है.
समाधान क्या है?
ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ नाले बनाने से भी इसका नतीजा नहीं निकलेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रांस यमुना बेसिन में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली और शाहदरा के इलाके में भी हालत ऐसे हैं. यहां पश्चिम से पूर्व की ओर बहाव है, इसलिए सड़कों से जल्दी पानी भी नहीं हटता है. दिल्ली को एकदम विकसित ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत है लेकिन इसकी तैयारियां, बारिश शुरू होने से बहुत पहले होनी चाहिए. अब अगर काम होगा तो दिल्ली की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी.