दिल्ली में अगर कुछ बेहद खराब है, तो यहां का ड्रेनेज सिस्टम. दिल्ली एक बारिश भी नहीं झेल पा रही है. कई दिनों की भीषण बारिश के बाद अगर हल्की सी राहत मिली तो सड़कें ही तालाब बन गईं. सड़कों पर ऐसा पानी जमा है, जिसमें इंसान बोट चला ले. आलम ये है विनोद नगर बीजेपी पार्षद रविंद्र सिहं नेगी सड़कों पर बोट लेकर निकल पड़े और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को कोसने लगे. आलम ये है मंटो रोड से लेकर विनोद नगर तक की सड़कें पानी में डूब गई हैं. जगह-जगह सड़कें गड्ढे में तब्दील हो गई हैं. कहीं बस फंसी है, कहीं कार पूरी तरह से डूब गई है. लोगों को लादकर संसद भवन पहुंचाया जा रहा है.
सिविल इंजीनियर पुष्पेंद्र त्रिपाठी बताते हैं दिल्ली की सघन आबादी में जो वॉटर बॉडीज हैं, उनकी सबसे बड़ी बुराई ये है कि वे या तो पट गई हैं, यां ओवर फ्लो होती हैं. यहां आबादी तो बसती गई लेकिन नालियों का किसी ने ख्याल ही नहीं रखा. दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से दुरुस्त करने की जरूरत है. चौड़ी सड़कें हैं, ओवर ब्रिज हैं लेकिन जल निकासी की कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है.
#WATCH | Drone visuals around AIIMS in Delhi show the current situation in the area as it remains waterlogged due to incessant heavy rainfall.
— ANI (@ANI) June 28, 2024
(Visuals shot at 10:30 am) pic.twitter.com/GCRpNxJ0vb
साल 2017 में एक बार दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने की कोशिश हुई थी. IIT दिल्ली के एक्सपर्ट्स ने ड्रेनेज सिस्टम का एक प्लान तैयार किया था लेकिन यह भी बेअसर रहा. साल 2021 में सरकार की एक विशेषज्ञ समिति ने इस प्लान को खारिज कर दिया था. तब से लेकर अब तक, दिल्ली बारिश के पानी से उबरने का तरीका ही नहीं जान पाई है.
#WATCH | People wade through water as incessant rainfall causes waterlogging in parts of Delhi; visuals from Safdarjung area, AIIMS. pic.twitter.com/Dkmkizpgj1
— ANI (@ANI) June 28, 2024
सिविल इंजीनियर पुष्पेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि दिल्ली की अनियमित कॉलोनियों से लेकर पांडव नगर, अशोक नगर, चिल्ला, लक्ष्मीनगर, करोलबाग, हौसकाजी तक, कहीं भी सही तरीके से बस्ती नहीं बसाई गई है. घरों के सामने पतली नालियां हैं, जो घरों के पानी से ही ओवरफ्लो हैं, वे बारिश का पानी कैसे झेल पाएंगे. उनका भी पानी, बाहरी सड़कों पर आता है और सड़कों का हाल बेहाल हो जाता है.
#WATCH | Delhi: Visuals from Azad Market underpass as passengers being rescued from a bus stuck here due to severe waterlogging. pic.twitter.com/Xuuv8D0tnI
— ANI (@ANI) June 28, 2024
#WATCH | Delhi: BJP Councillor Ravinder Singh Negi rows an inflatable boat amid severe waterlogging as a symbolic protest against Delhi Government. Visuals from NH9 area.
— ANI (@ANI) June 28, 2024
He says, "...All PWD drains are overflowing. They didn't get it cleaned ahead of Monsoon. This has led to… pic.twitter.com/eUMivjGYsR
सिविल इंजीनियर पुष्पेंद्र बताते हैं कि इन बस्तियों में नालियों के ढलान की कारीगरी पर ध्यान नहीं दिया गया है. कही जगह चढ़ान पर ढलान दी गई है, ऐसे में वहां तक पानी ही नहीं पहुंचता और उल्टा बहने लगता है. हालत ये हो जाती है कि बाढ़ का पानी निकालने के लिए पंप की जरूरत पड़ जाती है. दिल्ली की ये परेशानी तब तक नहीं खत्म होंगी, जब तक कि पूरा शहर, नए तरीके से नहीं बसेगा.
#WATCH | Delhi witnesses severe waterlogging amidst a heavy downpour; visuals from Azad Market underpass. pic.twitter.com/8Rc8o97Nhl
— ANI (@ANI) June 28, 2024
ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ नाले बनाने से भी इसका नतीजा नहीं निकलेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रांस यमुना बेसिन में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली और शाहदरा के इलाके में भी हालत ऐसे हैं. यहां पश्चिम से पूर्व की ओर बहाव है, इसलिए सड़कों से जल्दी पानी भी नहीं हटता है. दिल्ली को एकदम विकसित ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत है लेकिन इसकी तैयारियां, बारिश शुरू होने से बहुत पहले होनी चाहिए. अब अगर काम होगा तो दिल्ली की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी.