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India Daily

दिल्ली-मुंबई फ्लाइट के अंदर सैंडविच में निकले जिंदा कीड़े! इंडिगो को थमाया नोटिस, जानें पूरा मामला

मामले की जानकारी होने पर एयरलाइन की मूल कंपनी को इस बारे में प्रतिक्रिया देने के लिए FSSAI की ओर से सात दिन का समय दिया गया है.

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Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • 29 दिसंबर 2023 को दिल्ली से मुंबई जाने वाली फ्लाइट में हुई घटना
  • एफएसएसएआई ने इंडिगो कंपनी को दिया सात दिन का समय

Delhi Mumbai IndiGo Flight: एक महिला यात्री ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से शिकायत की है कि इंडिगो की फ्लाइट में सफर करते वक्त उसको परोसे गए सैंडविच में जिंदा कीड़े निकले थे. इसके बाद FSSAI ने विमान कंपनी इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कंपनी को जारी हुए नोटिस के अनुसार, 29 दिसंबर 2023 को इंडिगो की फ्लाइट में परोसा गया खाना इंसानों के लिए असुरक्षित बताया गया था. 

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 3 के अनुसार असुरक्षित भोजन का अर्थ है कि वह खाना जिसकी प्रकृति, पदार्थ या गुणवत्ता इतनी प्रभावित हो कि वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाए. उधर, इंडिगो ने जवाब देते हुए कहा कि उसे दिल्ली से मुंबई की उड़ान संख्या 6ई 6107 में परोसे गए एक खाद्य पदार्थ (सैंडविच) के संबंध में एफएसएसएआई से कारण बताओ नोटिस मिला है. वह नोटिस का जवाब देंगे. 

29 दिसंबर 2023 को दिल्ली से मुंबई जाने वाली फ्लाइट में हुई घटना

जानकारी के मुताबिक, यह घटना 29 दिसंबर, 2023 को दिल्ली-मुंबई इंडिगो फ्लाइट में हुई. यात्रा के दौरान खुशबू गुप्ता नाम की एक यात्री ने वेज सैंडविच में जीवित कीड़े मिलने की सूचना दी. खुशबू गुप्ता ने इसके बारे में केबिन क्रू को बताया. और कहा कि सैंडविच को देखें. महिला यात्री ने ये भी कहा कि केबिन क्रू ने इस घटना को लापरवाही के साथ लिया. 

एफएसएसएआई ने इंडिगो कंपनी को दिया सात दिन का समय

खुशबू गुप्ता ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा कि एयरलाइन स्टाफ को सैंडविच में कीड़े होने की जानकारी देने के बावजूद, केबिन क्रू ने अन्य यात्रियों को ये सैंडविच परोसना जारी रखा. अब मामले की जानकारी होने पर एयरलाइन की मूल कंपनी को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए FSSAI की ओर से सात दिन का समय दिया गया है.

एफएसएसएआई ने कहा कि आपको सात दिनों के भीतर कारण बताने का निर्देश दिया जाता है कि क्यों न आपके लाइसेंस को निलंबित या रद्द करने पर विचार किया जाए. एफएसएस अधिनियम, 2006 के तहत बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुसार आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए.