Saurabh Bhardwaj: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से दिल्ली में बोर्ड और पैनल बनाने और सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार एलजी को दिए जाने पर आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब जिम्मेदारी और जवाबदेही की बात आती है, तो एलजी साहब काम नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हजारों डॉक्टरों की भर्ती करनी है. अस्पतालों में पद सृजित करने हैं. हजारों बेचारे बस मार्शल बेरोजगार हो गए हैं. एलजी साहब ने ये सब बंद कर दिया है और जब अधिकार हासिल करने की बात आती है, तो वे और अधिक अधिकार ले रहे हैं. वे क्यों ले रहे हैं? ताकि वे अधिकारों का दुरुपयोग कर सकें.
दिल्ली के मंत्री ने कहा कि वे (उपराज्यपाल वीके सक्सेना) सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के माध्यम से प्रसिद्ध होने के लिए सालाना 1.5 करोड़ रुपये में एक सोशल मीडिया कंपनी को काम पर रख रहे हैं. चुनी हुई सरकार के अधिकार छीने जा रहे हैं और नियुक्त लोगों को अधिकार दिए जा रहे हैं. जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है, वे चाहते हैं कि पूरी दिल्ली एलजी की ओर से चलाई जाए, क्योंकि भाजपा चुनाव जीतने में सक्षम नहीं है. इसलिए भाजपा पिछले दरवाजे से दिल्ली पर नियंत्रण करना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं होगा.
#WATCH | On President Murmu empowers Delhi LG to form, appoint members to boards, panels in Delhi, AAP leader and Delhi Minister Saurabh Bhardwaj says "When it comes to his responsibility and accountability, LG sahab is not working. Thousands of doctors have to be recruited.… pic.twitter.com/c6ipHfnsQ3
— ANI (@ANI) September 4, 2024
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में उपराज्यपाल विनय सक्सेना जी ने अपनी सोशल मीडिया को हैंडल करने के लिए कंपनी को हायर करने का टेंडर निकाला है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अपना चेहरा चमकाने के लिए भाजपा के LG साहब ने दिल्लीवालों के Tax के पैसे से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करने का फ़ैसला लिया है.
दिल्ली नगर निगम में वार्ड समितियों चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल यानी एलजी वीके सक्सेना की संवैधानिक शक्तियों को बढ़ा दिया है. अब उन्हें किसी भी अथॉरिटी, बोर्ड या आयोग के गठन का अधिकार मिल गया है. अब उपराज्यपाल दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन जैसे संस्थानों में नियुक्ति कर सकते हैं.
गृहमंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दिल्ली के एलजी के पास इन अथॉरिटिज में सदस्यों के नियुक्ति की ताकत भी होगी. वे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड या आयोग या कानूनी निकायों में नियुक्तियां कर सकेंगे.