मैजेंटा लाइन पर बिना ड्राइवर के दौड़ेगी ट्रेन, जानें कैसी है तैयारी
Magenta Line : दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर चलने वाली मेट्रो अब बिना ड्राइवर के पटरी पर दौड़ेगी. इस लाइन पर चलने वाले सभी मेट्रो से ड्राइवर केबिन हटाए जा रहे हैं. इस महीने के अंत तक मैजेंटा लाइन पर चलने वाली सभी ट्रेन पूरी तरह से संचालित हो जाएगी. मैंजेंटा के बाद इन लाइनों पर भी चलने वाली मेट्रो को पूरी तरह से ड्राइवरलैस किया जाएगा.
Magenta Line ;दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर चलने वाली मेट्रो अब बिना ड्राइवर के पटरी पर दौड़ेगी. इस लाइन पर चलने वाले सभी मेट्रो से ड्राइवर केबिन हटाए जा रहे हैं. इस महीने के अंत तक मैजेंटा लाइन पर चलने वाली सभी ट्रेन पूरी तरह से संचालित हो जाएगी. मैंजेंटा के बाद इन लाइनों पर भी चलने वाली मेट्रो को पूरी तरह से ड्राइवरलैस किया जाएगा.
दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन अब पूरी तरह से जीओए की फोर्थ टेक्नोलॉजी के आधार पर ऑटोमैटिक तरीके से चलेगी. जिसके लिए काफी समय से मैजेंटा लाइन पर ट्रायल जारी है. डीएमआरसी के मुताबिक, अब तक 15-16 ट्रेनों में से ड्राइवर वाली केबिनों को हटा दिया गया है और जून के आखिर तक मेट्रो पूरी तरह से ऑटोमेटेड हो जाएगी. जिससे उस जगह का इस्तेमाल यात्रियों के बैठने के लिए किया जा सके.फिलहाल ड्राइवरलेस मेट्रो में ट्रेन अटेंडेंट की व्यवस्था है. अब उसको भी हटाकर मेट्रो को पूरी तरह से मानव रहित कर दिया जाएगा. मैजेंटा लाइन के बाद पिंक लाइन को भी ड्राइवरेस बनाया जाएगा. बात अगर दिल्ली मेट्रो के ऑटोमेटेड नेटवर्क की करें तो वर्तमान में यह करीब 97 किमी लंबा है जो मैजेंटा और पिंक लाइनों पर उपलब्ध है.
बिना ड्राइवर कैसे चलेगी मेट्रो?
अब आपके मन में ये सवाल आया होगा कि आखिर बिना ड्राइवर के ट्रेन कैसे चलेगी तो आपको बता दें कि चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन मोड के जरिए मेट्रो बिना ड्राइवर के चलती है. इस दौरान मेट्रो को DMRC के कमांड सेंटरों से कंट्रोल किया जाता है. इसमें कोई भी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होता है. संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण सिग्रलिंग टेक्नोलॉजी से ट्रेनें चलाई जाती है. इस दौरान ट्रेनों के उपकरणों की देखरेख रियल टाइम में की जाती है. वैसे ड्राइवरलेस ट्रेन की तकनीक का एक पैरामीटर होता है, जो ग्रेड्स ऑफ ऑटोमेशन कहलाता है. इस तरह की टेक्नोलॉजी DMRC के पास साल 2017 से है .
कब से चलेगी बिना ड्राइवर के मेट्रो
1 जुलाई से मैजेंटा लाइन पर मेट्रों बिना ड्राइवरों के चलेगी और फिर पिंक लाइन पर चलने वाली मेट्रो को भी पूरी तरह से ड्राइवरलैस किया जाएगा. साल 2020 के दिसंबर महीने में मैजेंटा लाइन पर मेट्रो के ड्राइवरलेस ऑपरेशन की शुरूआत हुई थी. इसके बाद नंवबर 2021 में इसे पिंक लाइन पर भी लागू कर दिया गया. हालांकि जब ऑपरेशन ड्राइवरलेस शुरू हुआ था तो उस समय इमरजेंसी के समय ट्रेन को संभालने के लिए एक अटैंडेंट रखा गया था.
ड्राइवरलैस मेट्रो के फायदे
इस तरह के ड्राइवरलैस मेट्रो के कई फायदे होते हैं इससे जहां ट्रेनों के संचालन में सुविधा होती है. वहीं, यह मानवीय हस्तक्षेप और उसमें होने वाली गुंजाइशों को भी कम कर देता है. साथ ड्राइवर केबिन न होने के कारण यात्रियों के लिए अतिरिक्त कोच भी लगाए जा सकते हैं.