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हाई कोर्ट में केजरीवाल पर बोली ED, 'आम आदमी नहीं रख सकते इतने महंगे वकील'

Delhi Liquor Policy: दिल्ली हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई जारी है. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को कोर्ट में चुनौती दी है.

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Edited By: India Daily Live
Delhi liquor policy money laundering case CM Arvind Kejriwal

Delhi Liquor Policy: एक्साइज पॉलिसी मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से याचिका दायर की गई है. मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है. सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि कोई आम आदमी इतने महंगे वकील सिर्फ एक याचिका के लिए नहीं रख सकते.

फिलहाल, अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई जारी है. कोर्ट में दोनों पक्षों में बहस हो रही है. सुनवाई शुरू होते ही अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता (केजरीवाल) की गिरफ्तारी के समय से षड्यंत्र की बू आ रही है. ऐसा करने से वे चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे.

सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी, लोकसभा चुनाव के लिए पहला वोट पड़ने से पहले ही पार्टी (आम आदमी पार्टी) को ध्वस्त करने की कोशिश है. केजरीवाल की गिरफ्तारी की तत्कालता पर सवाल उठाते हुए, उनके वकील ने तर्क देते हुए ये बातें कही.

केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा?

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि टाइमिंग इशू है. उन्होंने कहा कि अक्टूबर में उन्हें (केजरीवाल) को पहला समन आया और मार्च 21 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. ये गैर संविधानिक वक़्त है. केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी के साथ सीनियर वकील विक्रम चौधरी भी मौजूद हैं. उधर, सुनवाई के दौरान कोर्ट में ED की ओर से एएसजी एसवी राजू मौजूद हैं.

सिंघवी: इस समय में बुनियादी ढांचे के मुद्दे, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के मुद्दे और लोकतंत्र के मुद्दे की बू आ रही है. ये तात्कालिकता या आवश्यकता क्या है? मैं राजनीति की बात नहीं कर रहा हूं. मैं कानून की बात कर रहा हूं.
सिंघवी: मेरा दूसरा बिंदु पीएमएलए की धारा 50 के तहत किसी भी तरह से समर्थन करने वाला नहीं है. पहले समन की तारीख 30 अक्टूबर 2023 है. 16 मार्च को नौवां समन.
सिंघवी: इन तारीखों के बीच, लगभग छह महीने बीत चुके हैं. आप (ED) स्पष्ट रूप से बिना किसी पूछताछ, बयान, सामग्री आदि के गिरफ्तारी कर रहे हैं.
सिंघवी: शून्य धारा 19 (पीएमएलए) सामग्री है.

सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के विजय मदनलाल फैसले का हवाला दिया.

सिंघवी: मेरा तीसरा प्वाइंट ये है कि समन का जवाब न देना पूर्वाग्रह का एक अच्छा प्वाइंट है. 

सिंघवी ने पंकज बंसल फैसले का हवाला दिया.

कोर्ट: मुझे नहीं लगता कि ये हमारे लिए बहुत मुश्किल होगा.

एएसजी एसवी राजू: हम एडजस्ट कर लेंगे, ये बात नहीं है.

सिंघवी: ये पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण है. ये वो तरीका नहीं है जिससे आपराधिक कानून लागू किया जा सकता है.

राजू: मुझे एक आपत्ति है छुपाने पर. पीसी दाखिल नहीं हुई है, जब अभी दाखिल ही नहीं हुई है तो छिपाने का सवाल कहां है? ऐसे मामले में जहां दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए हैं, चाहे विश्वसनीय हों या अविश्वसनीय, छिपाने का सवाल कहां है?

सिंघवी: कृपया ऐसा न होने दें. धारा 70 तो उठ ही नहीं सकती. ये विशेष रूप से कंपनियों के लिए है. जब AAP RoPA के तहत रजिस्टर्ड है, तो अलग-अलग क़ानून को PMLA के तहत कंपनी के हेडिंग में शामिल नहीं किया जा सकता है.

सिंघवी: याचिकाकर्ता की विशिष्ट भूमिका होनी चाहिए, यहां तक कि कंपनी के लिए भी, जिससे मैं इनकार कर रहा हूं... मैंने अपनी बात समाप्त कर दी है, अक्सर ऐसा होता है कि ईडी इन मामलों को सामान्य मानता है।.मैं थोड़ी सी भी देरी का विरोध कर रहा हूं.

सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से सीनियर वकील अमित देसाई भी पेश हुए, जिसका एएसजी एसवी राजू ने विरोध किया. 

राजू: दो वकील बहस नहीं कर सकते. कोई भी आम आदमी एक से अधिक वकील का हकदार नहीं है. आप अमीर हो सकते हैं, आप आम आदमी होने का दावा कर सकते हैं लेकिन आपके पास दो वकील नहीं हो सकते.

फिलहाल, लंच के लिए कोर्ट में सुनवाई रूकी है. लंच के बाद सुनवाई जारी रहेगी. लंच ब्रेक के बाद एएसजी एसवी राजू ED की ओर से दलीलें पेश करेंगे.

21 मार्च को केजरीवाल को किया गया था गिरफ्तार

केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया गया था. 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 6 दिन की ED हिरासत में भेज दिया, जिसे 4 दिन के लिए बढ़ा दिया गया. 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

इससे पहले, न्यायमूर्ति शर्मा ने केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और केवल गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया था. साथ ही तत्काल रिहाई की मांग करने वाले उनके अंतरिम आवेदन पर भी नोटिस जारी किया था.