IGI Delhi Airport History: गर्मी के बाद अब आई सीजन की पहली बारिश आफत बरसने लगी है. दिल्ली-NCR में बारिश का दौर 5 दिनों से जारी है. इसी कारण शुक्रवार सुबह 5 बजे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) में टर्मिनल-1 के पार्किंग एरिया की छत टूट गई. इसमें एक कैब ड्राइवर की मौत हो गई है. जबकि, 8 लोग घायल हैं. हादसे के साथ ही अब एयरपोर्ट के बारे में चर्चा होने लगी है. आइये जानें 1930 में बने एयरपोर्ट का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर कैसे पड़ गया और इसका चरणबद्ध तरीके से विकास कैसे हुआ?
दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारियों के अनुसार, टर्मिनल-1 पर डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए पार्किंग होती है. सुबह गाड़ियों की लंबी लाइन होती है. आज भी कुछ ऐसा ही नजारा था. इसी दौरान हादसा हुआ है. इससे छत का भारी हिस्सा और लोहे के सपोर्ट बीम भी गाड़ियों पर गिर गए. आइये जानें एयरपोर्ट का इतिहास किया है?
दिल्ली का हवाई अड्डा 1930 में बनाया गया था. पहले इसका नाम पालम हवाई अड्डा हुआ करता था. ये मुख्य रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना के एक एयर फ़ोर्स स्टेशन के रूप में काम करता था. यहां से आम यात्रियों के लिए उड़ान साल 1962 में शुरू की गई. इससे पहले यात्री विमान सफदरजंग हवाई अड्डे से संचालित हुआ करती थी.
दिल्ली का हवाई अड्डा साल में 6.10 करोड़ से अधिक यात्रियों को सफर कराता है. ये पालम में 5,100 एकड़ से अधिक इलाके में फैला है. इंटरनेशनल एयरपोर्ट इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से तकरीबन 450 से अधिक डेस्टिनेशंस के लिए उड़ानें मिलती हैं. यहां से रोजाना लगभग 1,200 विमानों की आवाजाही होती है. इसमें अराइवल और डिपार्चर शामिल हैं. इसी कारण ये दुनिया के व्यस्त एयरपोर्ट में से एक है.
देश में धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी. 1970 के दशक में महसूस हुआ कि इसके विस्तार की जरूरत है. इस कारण यहां पुराने पालम टर्मिनल से चार गुना बड़ा एक टर्मिनल बनाया गया. 2 मई 1986 को नए अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल यानी टर्मिनल 2 का उद्घाटन किया गया. इसी कार्यक्रम में एयरपोर्ट का नाम बदलकर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डा कर दिया गया.
31 जनवरी 2006 उन दिनों के नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की कि दिल्ली हवाई अड्डे के प्रबंधन को DIAL संघ को सौंपने पर सहमति बनी है. इसके बाद 2 मई 2006 को, दिल्ली हवाई अड्डे का प्रबंधन निजी संघ को सौंप दिया गया. इसका नाम दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) पड़ा. इसमें GMR ग्रुप (50.1%), फ्रापोर्ट एजी (10%), मलेशिया एयरपोर्ट्स (10%), इंडिया डेवलपमेंट फंड (3.9%) और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) की 26% हिस्सेदारी है.
पालम टर्मिनल अब टर्मिनल 1 के रूप में जाना जाता है. यहीं शुक्रवार को हादसा हुआ है. इसी टर्मिनल से घरेलू उड़ानें संचालित होती है. यहां अब कुल 3 टर्मिनल है. नए टर्मिनल 3 से संचालन शुरू होने बाद दिल्ली का एयरपोर्ट भारत और दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा विमानन केंद्र बन गया है.