पति या पत्नी की शिकायत उसके बॉस से मत करना...,हाई कोर्ट ने सुनाया बेहद अहम फैसला

Delhi High Court: तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाया है. यह फैसला देश के करोड़ों परिवारों के लिए एक बड़ा उदाहरण बन सकता है.

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दिल्ली हाई कोर्ट के पास एक ऐसा मामला पहुंचा है जो हर परिवार के लिए बेहद अहम हो सकता है. इस मामले में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई इंसान अपने पति या पत्नी के बारे में उसके ऑफिस में या उसके बॉस से शिकायत करता है और इससे उसके प्रोफेशनल रिश्ते खराब होते हैं तो इसे क्रूरता माना जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा है कि भले ही वह शिकायतें सही हों लेकिन ऐसी बातें दफ्तर तक पहुंचाना और अपने साथ को अपमानित करवाना ठीक नहीं है.

जस्टिस सुरेश कुरमा कैत और जस्टिस नीना बंस कृष्णा की एक बेंच ने हाल ही में एक कपल की शादी को खत्म करने का फैसला दिया. साथ ही, यह भी कहा कि इस तरह की शिकायतें करना दर्शाता है कि एक-दूसरे के लिए इज्जत ही नहीं है जो कि शादी जैसे रिश्ते के लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, इस कपल में से पुरुष साथी ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी लेकिन फैमिली कोर्ट ने तलाक की मंजूरी नहीं दी. इस शख्स ने फैमिली कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

क्या है मामला?

शख्स ने आरोप लगाए कि शादी में रहने के दौरान सकी पत्नी ने कई बार मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया. इतना ही नहीं, शख्स का आरोप है कि उनकी पत्नी ने उनके बॉस को ऐसी शिकायतें भेजीं जिससे उन्हें अपने सहकर्मियों के सामने दफ्तर में अपमानित भी होना पड़ा. अब हाई कोर्ट ने कहा है, 'चाहे ये शिकायतें सही रही हों या गलत, किसी शख्स के बॉस से उसकी शिकायत करना हो और इस मकसद से करना कि उसकी प्रोफेशल हैसियत पर असर पड़े और उसे अपमानित होना पड़े, यह क्रूरता है. इस तरह की शिकायतें दिखाती हैं कि आपस में एक-दूसरे के लिए सम्मान नहीं है.'

शिकायत के मुताबिक, इस कपल की शादी जनवरी 2011 में हुई थी और सितंबर 2011 से ही दोनों अलग रहने लगे. इस मामले में पति ने कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनके पिता (महिला के ससुर) को मैसेज भेजे और रिश्ते में कोई सम्मान नहीं दिखाया. इसके चलते यह  शख्स मानसिक रूप से प्रताड़ित हुआ और शादी में अस्थिरता आई.