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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, चिकित्सीय रूप से अक्षम लोगों के पासपोर्ट आवेदन पर विचार करने का निर्देश

पीठ ने केंद्र के अधिवक्ता से कहा, 'यह बहुत आसानी से किया जा सकता है। आप इस पहलू की जांच करें'. अदालत चिकित्सीय रूप से अक्षम व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो पासपोर्ट अनुरोध की प्रक्रिया के लिए पासपोर्ट कार्यालय नहीं जा सका था.

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Edited By: Reepu Kumari
Delhi High Court seeks response from the Centre, directs to consider passport applications of medica
Courtesy: Pinteres

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह उन लोगों के पासपोर्ट अनुरोधों पर कार्रवाई करने की संभावना पर विचार करे, जो चिकित्सीय रूप से अक्षम होने के कारण कार्यालय नहीं आ सकते. मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने सरकार से पूछा कि यदि किसी व्यक्ति की वसीयत उसके घर पर ही पंजीकृत की जा सकती है, क्योंकि वह रजिस्ट्रार कार्यालय जाने में असमर्थ है, तो इसी तर्ज पर पासपोर्ट आवेदनों पर भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकती?  

'यह बहुत आसानी से किया जा सकता है' -न्यायालय

सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से कहा, 'यह बहुत आसानी से किया जा सकता है. आप इस पहलू की जांच करें.' अदालत में एक चिकित्सीय रूप से अक्षम व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जो अपने पासपोर्ट अनुरोध की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पासपोर्ट कार्यालय जाने में असमर्थ था.

पासपोर्ट आवेदन खारिज

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उनके मुवक्किल का पासपोर्ट आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है, और अधिकारियों ने उसे व्यक्तिगत रूप से कार्यालय आने के लिए कहा है, जो उसके लिए संभव नहीं है. इस पर अदालत ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर विशेष प्रक्रिया अपनाने पर विचार करने का निर्देश दिया.  

गृह एवं विदेश मंत्रालय से तीन सप्ताह में मांगा जवाब

इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई अब 16 अप्रैल को होगी.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)