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'महिलाओं की पूजा करने से ज्यादा उन्हें सम्मान दें', दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने लोगों मानसिकता बदलने की दी सलाह

वीरांगना परियोजना के तहत 250 उम्मीदवारों में से 104 को चयनित किया गया और 80 महिलाएं प्रशिक्षण के लिए शामिल हुईं. इस कार्यक्रम में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें महिलाओं की पूजा करने से ज्यादा उन्हें सम्मान देना चाहिए.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Delhi High Court Chief Justice DK Upadhyaya
Courtesy: Social Media

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने महिलाओं को लेकर एक अहम बात कही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की पूजा करने से ज्यादा हमें उन्हें सम्मान देने की आवश्यकता है. 4 मार्च को दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (DSLSA) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए उन्होंने यह बात कही. यह कार्यक्रम महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर आयोजित किया गया था.

दिल्ली हाई के चीफ जस्टिस उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा, "हमें लिंग आधारित मुद्दों के संबंध में अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है."  चीफ जस्टिस उपाध्याय का यह बयान समाज में महिलाओं के प्रति एक सकारात्मक और सम्मानजनक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की वकालत करता है. उन्होंने समाज से अपील की कि पूजा की तुलना में महिलाओं को सम्मान देकर उन्हें बराबरी का हक दिया जाए. महिलाओं को समान अवसर मिले ताकि उनके अधिकारों की रक्षा हो सके.

'वीरांगना' के जरिए महिलाओं को बनाया जा रहा है सशक्त

दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण ने महिलाओं के लिए एक नई परियोजना शुरू की है. इस परियोजना का नाम 'वीरांगना' है. इसके तहत महिलाओं को पैरालीगल वोलंटियर (PLV) के रूप में ट्रेन.  इसका उद्देश्य महिलाओं को कानूनी सहायता और न्याय तक पहुंच बनाने में मदद करना है. 

'वीरांगना' के तहत महिलाओं को दो दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है. प्रशिक्षण में यौन अपराधों, अम्लीय हमलों से पीड़ित महिलाओं, ट्रांसजेंडर्स, महिला सेक्स वर्कर्स और अन्य विकलांगताओं के शिकार महिलाओं को शामिल किया गया है. न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने इसे लेकर कहा कि महिलाओं को कानूनी सहायता प्राप्त करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.  यह परियोजना उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है.

इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायधीशों की उपस्थिति में महिला कानूनी सेवाओं के वकीलों और पैरालीगल वोलंटियर को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया.

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय का महिलाओं की पूजा करने से अधिक उन्हें सम्मान देने वाले बयान पर गौर करने वाली बात है. दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की पहल महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता बदलने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं.