दिल्ली में महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों की अब खैर नहीं, एंटी रोमियो स्क्वॉड सिखाएगी करारा सबक
8 मार्च को दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार, इन स्क्वॉड में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे. ये टीमें हाई-रिस्क इलाकों में गश्त करेंगी, शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करेंगी और उत्पीड़न के खिलाफ कानूनों के प्रति जागरूकता फैलाएंगी.
दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक खास पहल शुरू की है. इस अभियान के तहत 'शिष्टाचार' नाम से एक समर्पित स्क्वॉड बनाया गया है, जिसमें कम से कम 30 टीमें राजधानी के विभिन्न हिस्सों में तैनात की गई हैं. खास तौर पर उन इलाकों पर नजर रखी जा रही है, जो उत्पीड़न के लिए संवेदनशील माने जाते हैं, ताकि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यह कदम उत्तर प्रदेश में सफल रहे 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' की तर्ज पर उठाया गया है, जिसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने दिल्ली विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में भी शामिल किया था.
दिल्ली पुलिस का एक्शन प्लान
8 मार्च को दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार, इन स्क्वॉड में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे. ये टीमें हाई-रिस्क इलाकों में गश्त करेंगी, शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करेंगी और उत्पीड़न के खिलाफ कानूनों के प्रति जागरूकता फैलाएंगी. इस पहल में रोकथाम, हस्तक्षेप और पीड़ितों की सहायता पर ध्यान दिया जा रहा है. स्क्वॉड को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे कानून का पालन करें, न कि व्यक्तिगत या सांस्कृतिक नैतिकता थोपें, साथ ही पीड़ितों को सार्वजनिक शर्मिंदगी से बचाएं.
सर्कुलर में कहा गया है कि प्रत्येक जिले में कम से कम दो स्क्वॉड बनाए जाएंगे, जिनकी निगरानी क्राइम अगेंस्ट वुमन सेल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त करेंगे. हर स्क्वॉड में एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर, चार महिला पुलिसकर्मी, पांच पुरुष पुलिसकर्मी और तकनीकी सहायता के लिए एक विशेष स्टाफ सदस्य शामिल होगा. इन टीमों को एक चार-पहिया वाहन और पर्याप्त दोपहिया वाहन दिए जाएंगे ताकि गश्त और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके.
हॉटस्पॉट पर विशेष नजर
जिला उपायुक्त पुलिस (डीसीपी) को उत्पीड़न की आशंका वाले हॉटस्पॉट्स की पहचान करने और उनकी सूची तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है. स्क्वॉड की तैनाती इन्हीं इलाकों पर केंद्रित होगी. हर हफ्ते तैनाती का रोस्टर तैयार किया जाएगा, जिसे महिला एवं बाल विशेष पुलिस इकाई (SPUWAC) के डीसीपी द्वारा मंजूरी दी जाएगी. टीमें रोजाना कम से कम दो संवेदनशील स्थानों पर गश्त करेंगी और समय के साथ सभी चिह्नित क्षेत्रों को कवर करेंगी.
सादे कपड़ों में महिला पुलिस और जनसंपर्क
सार्वजनिक परिवहन में अपराधियों की पहचान के लिए सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. साथ ही, डीटीसी कर्मचारियों और यात्रियों के साथ मिलकर शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA), मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन (MWA) और स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ सहयोग बढ़ाया जाएगा ताकि निगरानी मजबूत हो और अतिरिक्त जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान हो सके.
ट्रेनिंग और निगरानी
स्क्वॉड के सदस्यों के चयन की जिम्मेदारी जिला डीसीपी को दी गई है, ताकि संवेदनशील और प्रेरित कर्मियों को चुना जाए. दिल्ली पुलिस अकादमी ने इन टीमों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए हैं, जिसे सभी सदस्यों को पूरा करना अनिवार्य होगा. हर हफ्ते स्क्वॉड की गतिविधियों और कार्रवाइयों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे जिला ACP (CAW) द्वारा SPUWAC के डीसीपी को सौंपा जाएगा. इसके बाद ये रिपोर्ट पुलिस आयुक्त तक पहुंचेंगी. स्कूलों, कॉलेजों, RWA, MWA और PCR कॉल्स से मिले फीडबैक के आधार पर मासिक मूल्यांकन भी होगा. यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 में पहली बार 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' शुरू किया था, और अब दिल्ली में यह कदम महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है.