दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों ने आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली की कुल 70 सीटों में से 48 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विजय प्राप्त की है, जबकि AAP केवल 22 सीटों तक सीमित रह गई है. इन परिणामों के बाद स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली में अब बीजेपी की सरकार बनेगी और AAP विपक्ष की भूमिका में रहेगी. चुनाव परिणाम आने के अगले दिन से ही आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को विपक्ष से घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के सत्ता से बाहर होने के एक दिन बाद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने फिरोजशाह रोड स्थित आवास पर 22 नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की और उनसे जनता के लिए काम करने को कहा. इस बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि पार्टी रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी. साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने वादों को पूरा करे.
अरविंद केजरीवाल की नई भूमिका में विधायकों से मुलाकात
AAP के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नवनिर्वाचित 22 विधायकों के साथ एक बैठक की. इस बैठक के बाद पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "अरविंद केजरीवाल ने नवनिर्वाचित विधायकों को दिशा-निर्देश दिए हैं.
जनता ने AAP के 22 विधायकों पर भरोसा जताया
उन्होंने कहा कि जनता ने AAP के 22 विधायकों पर भरोसा जताया है, अब इन विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे जनता की सेवा करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें. केजरीवाल ने विधायकों से यह भी कहा कि विपक्ष की भूमिका में रहते हुए उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकार जवाबदेह रहे.
विपक्ष के रूप में पार्टी की रणनीति
AAP नेता संजीव झा ने कहा, "हमने सभी विधायकों के साथ बैठक की है, और अब हमारा काम है कि बीजेपी ने जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें हम जनता तक पहुंचाएं. वहीं, AAP नेता सहीराम पहलवान ने कहा, "हम सभी अपनी-अपनी विधानसभा में मजबूती से काम करेंगे और बीजेपी के वादों को पूरा कराने की कोशिश करेंगे/
AAP नेता मुकेश अहलावत ने कहा, "हमने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और उन्होंने हमें विपक्ष की भूमिका मजबूती से निभाने का आदेश दिया है/