Delhi Air Pollution: इस नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण ने पिछले रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया है. इस साल नवंबर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 375 रहा, जो कि 2021 के नवंबर के AQI 376 के बाद दूसरा सबसे खराब आंकड़ा है. यह पहला मौका था जब नवंबर के पूरे महीने में AQI कभी 300 से नीचे नहीं गया, जैसा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा से पता चला है.
इस महीने दिल्लीवासियों को आठ दिन 'सख्त' प्रदूषण का सामना करना पड़ा, जिसमें दो दिन 'अत्यधिक सख्त' थे. बारिश न होने के कारण प्रदूषण में कोई राहत नहीं मिली और स्थानीय और क्षेत्रीय स्रोतों से होने वाले उत्सर्जन (emission) के साथ-साथ प्रतिकूल मौसम की स्थिति ने प्रदूषण लेवल को और बढ़ा दिया. नवंबर के 18 तारीख को AQI 494 तक पहुंच गया, जो कि अब तक का दूसरा सबसे प्रदूषित दिन था. वहीं, 10 दिनों तक AQI 390 से ऊपर रहा. इस महीने का सबसे कम AQI 303 था, जो फिर भी 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है.
केंद्र विज्ञान और पर्यावरण (CSE) की रिसर्च और समर्थन निदेशक, अनुपमिता रॉय चौधरी ने कहा, 'यह चिंता का विषय है कि सर्दी के महीनों में PM2.5 के लेवल में वृद्धि हो रही है. मौसम विज्ञान का भी एक योगदान है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि स्थानीय और क्षेत्रीय उत्सर्जन बढ़ रहे हैं, जो सर्दी में प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं. इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए, न केवल दिल्ली में, बल्कि पूरे NCR और उसके आसपास भी.'
पिछले साल नवंबर में AQI 373 था, जो कि इस साल के मुकाबले थोड़ी बेहतर स्थिति थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट देखी जा रही है. पूर्व CPCB अधिकारी, दीपंकर साहा ने बताया, 'इस बार नवंबर में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव नहीं पड़ा, जिससे बारिश नहीं हुई. बारिश प्रदूषण को कम करने में मदद करती है. दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण बढ़ता है, इसलिए ध्यान स्थानीय उत्सर्जन पर होना चाहिए.'
यह नवंबर 2024 का वायु प्रदूषण अक्टूबर 2024 के बाद आया है, जब दिल्ली ने अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे खराब वायु गुणवत्ता रिकॉर्ड की थी. अक्टूबर में AQI 231 था, जो 2020 के बाद सबसे उच्चतम था. CPCB के अनुसार, AQI को 0 से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 400 से ऊपर 'सख्त' माना जाता है.