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अरविंद केजरीवाल-AAP के खिलाफ ED की जांच पूरी, क्या अब होगी कुर्की? समझिए जांच एजेंसी का प्लान

AAP का कहना है कि केंद्र सरकार बदले की भावना से हमें खत्म करना चाहती है. केंद्र सरकार, दो साल से कथित आबकारी घोटाले की जांच करा रही है, 500 से ज्यादा लोगों को परेशान किया गया है, उन्हें गवाह बनाया गया है, 250 से ज्यादा रेड डाली गई है, इन सबके बाद भी ईडी यह साबित नहीं कर पाई कि भ्रष्टाचार का मामला क्या है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि वे बैंक खाते अटैच करना चाहते हैं, जिसके बाद वे चाहते हैं कि पार्टी खत्म हो जाए, चल न पाए.

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Edited By: India Daily Live
Arvind Kejriwal
Courtesy: Social Media

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच पूरी कर ली है. आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ भी चल रही जांच पूरी हो चुकी है. दिल्ली आबकारी नीति मामले में हुई कथित धांधली की वजह से AAP परिवार ही सकंट में है. दिल्ली सरकार ने साल 2021-22 में ही आबकारी नीति वापस ले ली थी लेकिन इस केस में धांधली के ऐसे आरोप लगे, जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जेल पहुंच गया. ईडी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है. 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि अब जांच एजेंसी ने जिन 1,100 करोड़ रुपये की संपत्तियों को चिह्नित किया है और भ्रष्टाचार से अर्जित आय के बराबर कौन सी संपत्तियां कुर्क की जा सकती हैं, इस पर सुनवाई होगी. ईडी ने करीब 244 करोड़ रुपये की आय इस केस में अटैच की है. आबकारी नीति की जांच में अब तक 40 आरोपियों के खिलाफ छानबीन हुई है, 18 लोग गिरफ्तार हुए हैं, 8 चार्जशीट दायर की गई है. 40 से ज्यादा जगहों पर रेड डाली गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस केस का सूत्रधार अरविंद केजरीवाल को बताया है. मनीष सिसोदिया इस केस में तत्कालीन आबकारी मंत्री थे.

सीएम केजरीवाल-AAP के खिलाफ जांच पूरी

इस केस में आम आदमी पार्टी भी आरोपी नंबर 38 है. अरविंद केजरीवाल आरोपी नंबर 37 हैं. ईडी के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के संबंध में, आरोपी नंबर 37 और 38, हमारी जांच पूरी हो गई है. कोर्ट ने सभी 8 चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. ज्यादातर आरोपियों की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज की है. हम अब मनी ट्रेल की जांच कर रहे हैं.'

डेढ़ साल में जमकर अदालतों में हुई बहस

बीते डेढ़ साल में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एसवी राजू और कई लोक अभियोजकों ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दलीलें दीं. राउज एवेन्यू कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, जमकर बहसबाजी हुई. अरविंद केजीवाल के खिलाफ अभिषेक मनु सिंघवी, दयान कृष्णन और मोहित माथुर जैसे वकीलों ने अरविंद केजरीवाल के लिए जमकर मेहनत की. अरविंद केजरीवला, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के लिए इन वकीलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

क्या है ED की अगली तैयारी?

ईडी के अधिकारी ने कहा, 'हम अब जल्द ट्रायल पर जोर देंगे. 40 आरोपी हैं, सैकड़ों गवाह हैं और डॉक्युमेंट्री साक्ष्य हैं. हजारों पेज के हमारे पास सबूत हैं.' ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ही घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं.  ईडी का कहना है कि तेलगू देशम पार्टी (TDP) के सांसद मगुंता श्रीनिवासुलू रेड्डी और उनके बेटे राघव और बिजनेसमैन पी सारथ रेड्डी से मिलकर पूरे कथित घोटाले की नींव पड़ी. अब संपत्तियों को अटैच करने की बारी है. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने ऐसे सभी आरोपों का खंडन किया है. इसे पार्टी ने बदले की राजनीति बताई है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. 

कब गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल?

अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी लेकिन उन्हें जेल में ही रहना होगा. वे CBI की हिरासत में हैं, जमानत ईडी वाले केस में मिली है.  ईडी ने 17 मई को अरविंद केजरीवाल और AAP के खिलाफ चार्जशीट दायर की, मनीष सिसोदिया, विजय नायर भी केस के मुख्य आरोपी हैं. गोवा और पंजाब के लिए इन पर 100 करोड़ रुपये घूस मांगने के आरोप हैं. ईडी के मुताबिक यह रकम पंजाब और गोवा में खर्च की गई है. ईडी ने विनोद चौहान को अरविंद केजरीवाल का खास आदमी बताया है. आरोप हैं कि 25.5 करोड़ रुपये की घूस की रकम दिल्ली से गोवा पहुंचाई गई, दिल्ली जल बोर्ड में भी अधिकारियों की नियुक्ति में धांधली हुई. आम आदमी पार्टी ने कहा है कि ये सभी केंद्र की चाल है, वहां से बदले की राजनीति की जा रही है. 

क्या नई आफत में फंसने वाली है AAP?

दिल्ली सरकार ने 2021-22 के दौरान, दिल्ली के लिए आबकारी नीति लेकर आई थी. इसका मकसद आबकारी उद्योग को बढ़ावा देना था. प्राइवेट प्लेयर्स को इसमें मौका मिलता, ग्राहकों के लिए भी कई स्कीम बनाई गई थी लेकिन इसे सरकार को वापस लेना पड़ा. दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल वीके सक्सेना ने इस नीति पर जांच के आदेश दिए. आम आदमी पार्टी ने कहा कि वीके सक्सेना ने ऐन वक्त पर इस नीति में दखल देकर, इस नीति को ही खत्म कर दिया.सरकार ने इसे वापस ले लिया था. तब से लेकर अब तक, ये आम आदमी पार्टी के गले की फांस बनी हुई है. अब आगे ईडी क्या करने वाली है, यह देखने वाली बात होगी. अगर संपत्तियां कुर्क होनी शुरू हुईं तो आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ और जाएंगी.