Delhi Crime News: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को अप्रैल 2020 में डॉक्टर राजेंद्र सिंह (52) के आत्महत्या मामले में दोषी करार दिए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने मामले में कहा था कि राजेंद्र सिंह ने कथित तौर पर एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें AAP विधायक प्रकाश जारवाल और उनके सहयोगी पर उनके जल आपूर्ति व्यवसाय को लेकर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है. कोर्ट ने माना है कि AAP विधायक प्रकाश जारवाल आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोपी हैं.
इस मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की कोर्ट में चल रही थी. दिल्ली की एक अलग कोर्ट ने नवंबर 2021 के मामले में जारवाल के खिलाफ आरोप तय किए थे. 18 अप्रैल 2020 को डॉ. राजेंद्र सिंह (52) ने अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस ने कहा कि घटनास्थल से एक कथित सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर जारवाल और उसके सहयोगी पर उन्हें व उनके परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने कहा था कि कथित नोट में डॉ. सिंह ने अपनी मौत के लिए AAP विधायक को जिम्मेदार ठहराया और वसूली का आरोप लगाया.
साल 2021 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने प्रकाश जारवाल और उनके सहयोगी कपिल नागर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा), 386 (किसी व्यक्ति को बंधक बनाकर जबरन वसूली) समेत कई गंभीर धाराओं के तहत आरोप तय किए थे. एक अन्य आरोपी हरीश को आईपीसी की धारा 306 और 386 के तहत बरी भी किया था.
कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रथम दृष्टया यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में पर्याप्त साक्ष्य हैं कि आरोपी प्रकाश जारवाल और कपिल नागर ने मृतक डॉ. राजिंदर को अपने टैंकरों को चलाने के लिए पैसे नहीं देने पर उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर जबरन वसूली की.
उधर, प्रकाश जारवाल के वकील ने कहा था कि पूरी शिकायत मृतक की डायरी में की गई टिप्पणियों के आधार पर थी और शिकायतकर्ता खुद पैसे की मांग या वसूली का गवाह नहीं था. उन्होंने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र सिंह पर जारवाल को पैसे देने के लिए दबाव डाला गया था और यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं था कि प्रकाश जारवाल ने खुद पैसे की मांग की थी.