दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (25 अप्रैल) को कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तत्काल नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जरूरी दस्तावेज जमा न करने के कारण यह फैसला लिया गया. इस दौरान ईडी ने कोर्ट में दलील दी कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत, आरोपियों को सुने बिना शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता. ईडी ने कोर्ट से कहा, “हम नहीं चाहते कि यह आदेश लंबा खिंचे. नोटिस जारी किया जाए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने ने कहा कि कोर्ट अभी इस बात से संतुष्ट नहीं है कि आरोपियों को नोटिस जारी करना आवश्यक है. उन्होंने कहा, “चार्जशीट में कुछ दस्तावेज गायब हैं, जैसा कि अहलमद (कोर्ट रिकॉर्ड कीपर) ने बताया है. ऐसे में ईडी को निर्देश दिया जाता है कि वे दस्तावेज जमा करें. इसके बाद कोर्ट नोटिस के मुद्दे पर फैसला करेगा.
ED ने कोर्ट में क्या दावा किया पेश?
ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि वह “पूरी तरह पारदर्शी” है और “कुछ भी छिपा नहीं रही.” एजेंसी ने कहा, “हम कुछ भी नहीं छिपा रहे. हम उन्हें संज्ञान लेने से पहले अपनी बात रखने का अवसर दे रहे हैं.” फिर भी, कोर्ट ने ईडी को चार्जशीट में कुछ कमियों को दूर करने और इसके अलावा जरूरी कागजात कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया है.
गांधी परिवार पर क्या आरोप हैं?
ईडी की चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को क्रमशः आरोपी नंबर एक और दो के रूप में नामित किया गया है. उनके अलावा, कांग्रेस पार्टी की ओवरसीज विंग के प्रमुख सैम पित्रोदा और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले पूर्व पत्रकार सुमन दूबे को भी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YI) के संस्थापक निदेशक के रूप में नामित किया गया है. सोनिया और राहुल गांधी के पास इस कंपनी में 76% हिस्सेदारी है. ईडी का आरोप है कि यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड की मूल कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया, जिनका मूल्य उस समय 2,000 करोड़ रुपये था और अब 5,000 करोड़ रुपये आंका गया है.
ED ने अपनी चार्जशीट में क्या दावा किया?
ईडी का दावा है कि उसने 988 करोड़ रुपये की अपराध आय का पता लगाया है, जिसमें 755 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, 90 करोड़ रुपये के शेयर, और 142 करोड़ रुपये का किराया शामिल है. यह किराया AJL की दिल्ली, मुंबई, इंदौर, पंचकुला, लखनऊ और पटना जैसे शहरों में संपत्तियों से 2010-11 के फाइनेंशियल ईयर में यंग इंडिया के अधिग्रहण के बाद अर्जित किया गया है.