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नए कलेवर में दिखेगी दिल्ली विधानसभा, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा का दिखेगा दबदबा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है. जिसके बाद इस बात पर चर्चा है कि पार्टी की इस प्रचंड जीत के पीछे खास वजह क्या है? कैसे पार्टी ने 27 सालों के संघर्ष पर विजय हासिल किया है.

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Edited By: Shanu Sharma
Delhi Assembly Election 2025
Courtesy: Social Media

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत के साथ जीत मिली है. बीजेपी ने दिल्ली में 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर सिमट गई. हालांकि देश की ओल्डेस्ट पार्टी कांग्रेस पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं जीत पाई. 

बीजेपी के इस जीत के पीछे कई वजह बताई जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि भगवा पार्टी के इस प्रचंड जीत के पीछे टिकट बंटवारे की स्ट्रेटजी सबसे ज्यादा काम आई है. पार्टी ने इस बार उम्मीदवारों को मैदान में उतारने में पूरी सावधानी बरती है. पार्टी ने इस बार सभी समूहों को साधने की पूरी कोशिश की है. जिसका नतीजा चुनाव के नतीजे में साफ रूप से देखा जा सकता है. 

सीटों के सही बंटवारे ने सफल किया मिशन

दिल्ली चुनाव के ऐलान से काफी दिनों पहले ही आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों के चुनने में अपना पूरा समय लिया. हर एक सीट पर वहां की जनता की मांगो को देखते और समझते हुए उम्मीदवार उतारे. राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग राज्य के लोग रहते हैं. पार्टी ने टिकट बंटवारे के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा और तमाम समूहों और समुदायों को साधने की कोशिश की. जिसका असर चुनाव में साफ रूप से देखने को मिला. 27 सालों से वापसी की कोशिश में जुटी बीजेपी को इस बार बंपर सफलता मिली. 

सभी समूहों-समुदायों का पूरा ध्यान

  भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में 6 पूर्वांचल के उम्मीदवारों को टिकट दिया था. जिसमें से 4 उम्मीदवारों को सफलता मिली. इन उम्मीदवारों ने पार्टी के लिए पूर्वांचली मतदाताओं का भरोसा जीता. इसके अलावा बीजेपी की ओर से 14 हरियाणवी और 3 उत्तराखंडी उम्मीदावरों को मैदान में उतारा गया था. दिल्ली में भारी संख्या में पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तराखंड के लोग रहते हैं. पार्टी द्वारा उतारे गए 14 हरियाणवी उम्मीदवारों में से 12 को जीत मिली. वहीं 3 उत्तराखंडी उम्मीदवारों में से 2 ने बाजी मार ली. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली बीजेपी ने जाति आधारित विश्लेषण भी अच्छे तरीके से किया था. जिसका फायदा इस चुनाव में पूरा-पूरा मिला है.