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जूते बांटने को लेकर प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR का आदेश, EC अधिकारी ने SHO को लिखी चिठ्ठी

वर्तमान स्थिति में यह मामला दिल्ली विधानसभा चुनावों में एक नई मोड़ ले सकता है. चुनाव आयोग और पुलिस की कार्रवाई के बाद अब यह देखना होगा कि प्रवेश वर्मा पर आगे क्या कार्रवाई होती है और इस घटनाक्रम का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
नई दिल्ली विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा
Courtesy: Social Media

Delhi Assembly Elections 2025: नई दिल्ली विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. दरअसल,  महिलाओं को जूते बांटते और फिट करते हुए उनका वीडियो सामने आने के बाद मामला बिगड़ गया है. जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. प्रवेश वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने मतदाताओं को जूते बांटे, जो चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने कुछ समय पहले दिल्ली के एक इलाके में मतदाताओं के बीच जूते बांटे थे, जिसके बाद इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में तूफान मचाया. भाजपा नेता ने यह कदम उस समय उठाया जब चुनावी प्रचार चरम पर था और मतदान की तारीख नजदीक आ रही थी.

आचार संहिता का उल्लंघन, पुलिस ने दर्ज की FIR

पूर्व बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की इस हरकत पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. चुनाव आयोग और स्थानीय अधिकारियों ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना और उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया. उन पर आरोप है कि उन्होंने मतदाताओं को अनुचित तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है.

जानिए क्या है पूरा मामला?

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर ने मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के एसएचओ को पत्र लिखकर भाजपा उम्मीदवार परवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने और तत्काल जांच शुरू करने का अनुरोध किया है.शिकायत में लिखा है - "संभावित भाजपा उम्मीदवार परवेश साहिब सिंह वर्मा मंदिर मार्ग, पुलिस स्टेशन के पास वाल्मीकि मंदिर के धार्मिक परिसर में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को जूते बांट रहे हैं.

BJP नेता प्रवेश वर्मा ने दी सफाई

प्रवेश वर्मा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका इरादा किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का नहीं था. उन्होंने इसे महज एक प्रतीकात्मक बताया और कहा कि यह किसी विशेष उद्देश्य के लिए था.

राजनीतिक विवाद और चुनावी माहौल

इस मामले ने दिल्ली चुनावों के बीच एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।. राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और ऐसे मामलों को लेकर मतदाता को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए चुनावी माहौल को गरमाया हुआ है.