Delhi Assembly Elections 2025

Delhi Assembly Election Result: 12 साल बाद केजरीवाल के साथ शीला दीक्षित वाला 'खेला', बेटा बना मां की हार के बदले का एक्स फैक्टर

नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल प्रवेश वर्मा से 4,089 वोटों से हार गए हैं और संदीप दीक्षित 4,568 वोट जीतकर तीसरे स्थान पर रहे.

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Delhi Assembly Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ा उलटफेर किया. लेकिन इस हार के पीछे एक और दिलचस्प कहानी छुपी हुई है, जो कांग्रेस के संदीप दीक्षित, शीला दीक्षित के बेटे, की भूमिका को उजागर करती है, जिन्होंने भले ही तीसरे स्थान पर रहते हुए केजरीवाल की हार को सुनिश्चित किया.

न्यू दिल्ली सीट पर एक और चमत्कारी हार

न्यू दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के लिए यह घटना कुछ हद तक एक Déjà vu जैसी है. पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 1998 और 2003 में इस सीट को जीता था, जब इसे गोल मार्केट कहा जाता था. इसके बाद 2008 में सीमा पुनर्निर्धारण के बाद यह सीट न्यू दिल्ली के नाम से जानी गई और शीला दीक्षित ने फिर से जीत हासिल की. लेकिन 2013 में अरविंद केजरीवाल ने इस सीट पर अपनी किस्‍मत आजमाई और ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन के बाद की भारी लोकप्रियता के बल पर तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित को हराकर राजनीति में एक बड़ा उलटफेर किया.

BJP के प्रवेश वर्मा की जीत

2025 में, वही अरविंद केजरीवाल अब भाजपा के 47 वर्षीय प्रवेश वर्मा से हार गए हैं. केजरीवाल को वर्मा से 4,089 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जबकि कांग्रेस के संदीप दीक्षित 4,568 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. यदि AAP और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ते, तो शायद केजरीवाल की जीत का रास्ता आसान हो सकता था.

संख्याओं में क्या छिपा है?

2020 के चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के सुनील यादव को 21,000 से अधिक वोटों से हराया था. वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश सबरवाल को 3,220 वोट मिले थे. इसका मतलब यह है कि भाजपा ने इन दो चुनावों के बीच में इस क्षेत्र में बड़ी बढ़त हासिल की है. इसके अलावा, AAP नेता के खिलाफ शराब नीति के मामले और मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में भ्रष्टाचार के आरोपों ने वोटरों पर गहरा असर डाला.

संदीप दीक्षित की प्रचार रणनीति

चुनाव के दौरान संदीप दीक्षित ने AAP नेता के खिलाफ मजबूत प्रचार अभियान चलाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दिल्ली सरकार की विफलताओं पर सवाल उठाना चाहिए. उनकी बहन लतिका, जो उनके लिए प्रचार कर रही थीं, उन्होंने भी कहा कि शीला दीक्षित दिल्लीवासियों के दिलों में आज भी जीवित हैं, खासकर राजधानी के विकास में उनके योगदान के कारण.

वर्मा का राजनीति में कदम

दिलचस्प बात यह है कि प्रवेश वर्मा, जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, भाजपा के अनुभवी नेता हैं. साहिब सिंह वर्मा 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे थे और उन्होंने भाजपा के मदनलाल खुराना की जगह शीर्ष पद संभाला था.