Delhi Assembly Elections 2025
India Daily

Delhi Assembly Election: कांग्रेस की दिल्ली में करारी हार पर अमित शाह ने राहुल गांधी से लिए मज़े, जानें क्या कहा?

कांग्रेस के सामने अब यह सवाल खड़ा है कि क्या वह अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः हासिल कर पाएगी या फिर परिवार वंदन की राजनीति में और नीचे गिर जाएगी. यदि कांग्रेस को अपनी खोई ताकत को वापस पाना है, तो उसे अपनी नीतियों और नेतृत्व में बदलाव की जरूरत होगी.

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Edited By: Mayank Tiwari
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
Courtesy: Social Media
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Delhi Assembly Election Result: भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़े अंतर से दिल्ली विधानसभा में जीत दर्ज की है. दिल्ली में 27 साल के लंबे अंतराल के बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हो रही है. इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि, एक पार्टी जब परिवार वंदन में लग जाए, तब उसकी क्या दुर्दशा होती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि एक पार्टी जब परिवार वंदन में लग जाए, तब उसकी क्या दुर्दशा होती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस है. जिस दिल्ली में आज से एक दशक पहले कांग्रेस की 15 साल सरकार रही, वहां 2014 से हुए 6 चुनावों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है.

परिवार वंदन की राजनीति का खामियाजा

आज के राजनीतिक माहौल में जब कोई पार्टी केवल परिवार वंदन में खो जाती है, तो उसकी स्थिति क्या हो सकती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। कांग्रेस की यह हालत आज किसी से छिपी नहीं है, खासकर जब वह अपनी पुरानी ताकत और अस्तित्व को खोकर केवल एक परिवार की सेवा में समर्पित हो गई है।

दिल्ली में कांग्रेस की विफलता: 15 साल की सरकार से 0 तक का सफर

अमित शाह ने आगे कहा कि दिल्ली में कांग्रेस ने एक समय 15 साल तक सत्ता में रहते हुए राज्य की राजनीति में अपना दबदबा कायम रखा था. लेकिन 2014 के बाद से, कांग्रेस की स्थिति लगातार गिरती गई. साल 2014 से अब तक हुए 6 विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला. यह कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा झटका था, जो कभी दिल्ली की राजनीति का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था.

2025 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार

हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति और भी खराब हो गई. कुल 70 सीटों में से कांग्रेस ने महज 3 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि बाकी 67 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई. यह न केवल कांग्रेस की चुनावी असफलता को दर्शाता है, बल्कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की कमजोरियों को भी उजागर करता है.

कांग्रेस की मौजूदा स्थिति: परिवार वंदन और शून्य में स्थायित्व

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने अपनी पहचान पूरी तरह से एक परिवार के इर्द-गिर्द सिमटकर बना दी है, जिससे पार्टी की राष्ट्रीय राजनीति में स्थिति बेहद कमजोर हो गई है. कांग्रेस की स्थिति आज शून्य (0) में स्थिर हो गई है, और पार्टी के लिए भविष्य की दिशा तलाशना एक बड़ा सवाल बन चुका है.