Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में लगातार तीसरी शर्मनाक हार के बाद राहुल गांधी ने वोटर्स और कार्यकर्ताओं से क्या कहा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी ने 13 जनवरी, 2025 से ही प्रचार शुरू कर दिया था. सबसे पहले उन्होंने पूर्वी दिल्ली की 5 विधानसभा सीटों पर जनसभाएं की थी. बावजूद इसके कांग्रेस महज 3 सीटों पर ही अपनी जमानत बचा सकी.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल के बात यहां सत्ता में वापसी की है. इस बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने कहा,' दिल्ली का जनादेश हम विनम्रता से स्वीकार करते हैं. बता दें कि, बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. जबकि, दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 36 है.
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें उन्होंने कहा कि,' दिल्ली का जनादेश हम विनम्रता से स्वीकार करते हैं. ऐसे में प्रदेश के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके समर्पण और सभी मतदाताओं को उनके समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद.. प्रदूषण, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध - दिल्ली की प्रगति और दिल्लीवासियों के अधिकारों की यह लड़ाई जारी रहेगी.
भ्रष्टाचार, महंगाई और प्रदूषण के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा
राहुल गांधी ने अपने संदेश में आगे कहा कि कांग्रेस प्रदूषण, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी. दिल्ली की प्रगति और दिल्लीवासियों के अधिकारों की यह लड़ाई जारी रहेगी.
भविष्य की दिशा में आशावाद
राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस पार्टी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, जिसमें उन्होंने चुनावी हार को एक सीख के रूप में लिया और आने वाले दिनों में दिल्ली में बेहतर कार्य करने की योजना बनाई. उनका यह संदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक प्रेरणा है, जो पार्टी की संघर्षशील राजनीति को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.
किसने कितनी सीटों पर की रैलियां?
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की इन रैलियों के दौरान कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की हवा बनाने की पुरजोर कोशिश की. रैलियों के दौरान राहुल गांधी ने कुल 34 सीटों पर चुनावी रैली की तो वहीं प्रियंका गांधी ने कुल 24 सीटों पर जनसभाएं की. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से रैलियों के जरिए कांग्रेस को फिर से खड़ा करने की जो कोशिश की गई, वह सफल नहीं हो पाई. कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं ने जहां-जहां भी रैलियां की वहां एक भी सीट हाथ नहीं आई.