Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि, 'पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोग स्वयं ही भारत में विलय की मांग करेंगे, क्योंकि इस्लामाबाद के स्वेच्छा से इस क्षेत्र में लौटने की संभावना नहीं है.'
समाचार एजेंसी AINS से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा, 'जिस गति से आर्थिक विकास हुआ है और जिस तरह से विश्व मंच पर भारत का कद बढ़ा है, उससे POK के लोगों को लगने लगा है कि उनका विकास भारत जैसे देश के साथ जुड़ने में ही निहित है.'
IANS Exclusive
— IANS (@ians_india) March 8, 2025
Union Defence Minister Rajnath Singh says, "I do not expect Pakistan to return POK to us. I believe the people of POK will themselves demand to be merged with India. With India's rapid economic progress and growing international prestige, the people of POK have… pic.twitter.com/e3qhSFZFP8
POK के लोग पाकिस्तान को भारत में विलय के लिए मजबूर करेंगे: रक्षा मंत्री
उन्होंने आगे कहा कि POK के लोग पाकिस्तान को भारत में विलय के लिए मजबूर करेंगे. उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि उस क्षेत्र के लोगों को इसके लिए पाकिस्तान की सहमति की भी जरूरत नहीं होगी.'' राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा दोहराए जाने के कुछ दिनों बाद आई है कि, 'कश्मीर मुद्दे को पूरी तरह से हल करने के लिए कश्मीर के "चुराए गए" हिस्से को वापस करना आवश्यक है, जो वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है.'
'पाकिस्तान सरकार POK के निवासियों को "विदेशी" कहती है'
दोनों देशों के विपरीत दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ ने याद दिलाया कि पाकिस्तान सरकार POK के निवासियों को "विदेशी" कहती है, जबकि भारत उन्हें अपना मानता है. आईएएनएस के मुताबिक, उन्होंने कहा, "हम उन्हें विदेशी नहीं कहते. वे हमारे लोग हैं। उन्हें आकर हमारे साथ जुड़ने दें."
'पीओके “भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और हमेशा इसका हिस्सा रहेगा'
रक्षा मंत्री ने फिर से कहा कि पीओके “भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और हमेशा इसका हिस्सा रहेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व विकास हो रहा है, जिसने वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है. हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए राजनाथ ने कहा कि पीओके के कुछ इलाकों से पाकिस्तानी झंडे हटा दिए गए हैं, जो स्थानीय लोगों में बढ़ती अशांति का संकेत है.