भारत के रक्षा सचिव ने हाल ही में एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि देश का रक्षा उद्योग अब बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए पूरी तरह तैयार है. उनका कहना है कि भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं और पहलों पर काम हो रहा है, जिससे भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने का अवसर मिलेगा. सिंह ने सोमवार देर शाम यहां एक रक्षा सम्मेलन में यह भी कहा कि सरकार का इरादा ‘तकनीकी रूप से उन्नत’ और ‘युद्ध के लिए तैयार बल’ बनाने का है जो ‘आधुनिक युद्ध की जटिलताओं’ से प्रभावी ढंग से निपट सके.
रक्षा सचिव ने कहा कि...भारत सरकार ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. "हमारे लिए यह समय है कि हम अपने रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करें, ताकि हम अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्ति पर निर्भर न रहें," उन्होंने यह भी कहा. इस पहल के तहत भारत अब हथियार, लड़ाकू विमान, युद्धपोत, और अन्य रक्षा उपकरणों का उत्पादन खुद करेगा.
रक्षा सचिव ने "मेक इन इंडिया" योजना को एक अहम कदम बताया, जिसके तहत भारतीय कंपनियों को रक्षा उपकरणों का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "हमारी योजना है कि हम भारत को रक्षा उत्पादों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएं, ताकि भारतीय सेना को उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण समय पर मिल सकें." इसके लिए सरकार ने कई नई नीतियों को लागू किया है, जिनसे भारतीय रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
रक्षा सचिव ने यह भी कहा कि भारत अब रक्षा उपकरणों के निर्यात को बढ़ाने की दिशा में भी कदम बढ़ा चुका है. "हम भारतीय रक्षा उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर पेश करने की योजना बना रहे हैं," उन्होंने कहा. भारत अब अपनी रक्षा तकनीक को दुनिया भर में निर्यात करने का लक्ष्य रखता है, जिससे भारतीय रक्षा उद्योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके.
भारत का रक्षा उद्योग बड़े पैमाने पर विस्तार के साथ युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा. रक्षा सचिव ने बताया कि कई नई परियोजनाओं की शुरुआत के बाद भारतीय युवाओं को रक्षा क्षेत्र में रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी. इससे न केवल रोजगार की संख्या बढ़ेगी, बल्कि भारतीय युवा तकनीकी और कौशल विकास में भी अपने कदम मजबूत कर सकेंगे.
भारत का रक्षा उद्योग अब आत्मनिर्भरता के साथ वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर बढ़ रहा है. सरकार की नीतियां और योजनाएं भारतीय रक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने में सहायक साबित हो रही हैं. अगर इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सही कदम उठाए जाते हैं, तो भारत का रक्षा उद्योग आने वाले वर्षों में न केवल आत्मनिर्भर होगा, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख स्थान हासिल करेगा.