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'चांद के गहरे राज, 250 से ज्यादा भूकंप! पथरीली जमीन,' चंद्रयान-3 ने सुलझाई, अनसुलझाई पहेलियां

भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर 250 से ज़्यादा भूकंपीय संकेतों का पता लगाया है, जिसमें 50 अलग-अलग संकेत शामिल हैं उन्हें चंद्र भूकंप से जोड़ा जा सकता है.

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Edited By: India Daily Live
Chandrayaan-3
Courtesy: Social Medai

चांद पर कई गहरे राज छुपे हैं. दुनिया भर की स्पेस एजेंसियां चांद पर खोज में जुटीं हैं. भारत ने भी चांद की स्तह पर अपना रोवर उतारा. भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर 250 से अधिक भूकंपीय संकेत दर्ज किए हैं, जिन्हें चंद्र भूकंप से जोड़ा जा सकता है. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह अपोलो युग के बाद से इस तरह का पहला डेटा संग्रह है.

भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर 250 से ज़्यादा भूकंपीय संकेतों का पता लगाया है, जिसमें 50 अलग-अलग संकेत शामिल हैं उन्हें चंद्र भूकंप से जोड़ा जा सकता है. यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र से भूकंपीय डेटा का पहला संग्रह है. 

कहां किया गया शोध?

विक्रम लैंडर पर लगे वैज्ञानिक उपकरण इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिक एक्टिविटी (ILSA) द्वारा यह प्रयोग 69.37° दक्षिण और 32.32° पूर्व की लैंडिंग साइट पर किया गया. निष्कर्षों का विश्लेषण और प्रकाशन इसरो शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा ICARUS में किया गया है. यह शोध पत्र बेंगलुरु के पीन्या में स्थित इसरो की इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (LEOS) प्रयोगशाला के जे जॉन, वी थमारई, टीना चौधरी, एमएन श्रीनिवास, अश्विनी जम्भालीकर, एमएस गिरिधर, मदन मोहन मेहरा, मयंक गर्ग, केवी शिला, कृष्णा कुमारी, एसपी कारंता, कल्पना अरविंद और केवी श्रीराम द्वारा प्रकाशित किया गया है.

भूकंपीय घटनाओं के बारे में और जानकारी जुटा रहे शोधकर्ता

LEOS के निदेशक श्रीराम ने बताया कि 250 से अधिक दर्ज की गई भूकंपीय घटनाओं में से लगभग 200 संकेत प्रज्ञान की गतिविधियों या वैज्ञानिक उपकरणों के संचालन से संबंधित ज्ञात गतिविधियों से संबंधित हैं. हालांकि 50 अन्य के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं है. यह समझने के लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता है कि इन गतिविधियों का कारण क्या हो सकता है.