म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. शनिवार तक मृतकों की संख्या 1600 को पार कर गई, जबकि 3400 से अधिक लोग घायल हो गए. मांडले के निकट इस भूकंप का केंद्र था, जिसने इमारतों और बुनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया. म्यांमार की सैन्य सरकार ने बताया कि चल रहे गृह युद्ध के कारण कई क्षेत्रों तक पहुंच मुश्किल है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है. भूकंप के बाद 6.4 तीव्रता का एक झटका सहित कई आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए.
भारत सेना ने चलाया ऑपरेशन ब्रह्मा
🇮🇳 First Responder- first to send rescue personnel to Nay Pyi Taw 🇲🇲.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 29, 2025
A C130 flight with 80 member @NDRFHQ search and rescue team has landed in Nay Pyi Taw.
Received by Amb Abhay Thakur & Amb Maung Maung Lynn of MoFA Myanmar.#OperationBrahma pic.twitter.com/M9QJBQdmmz
मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना
एयरबोर्न एंजल्स टास्क फोर्स, जो आपदा क्षेत्रों में उन्नत चिकित्सा देखभाल के लिए प्रशिक्षित है, म्यांमार में 60 बिस्तरों वाला मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित करेगी. यह केंद्र आघात मामलों, आपातकालीन सर्जरी और आवश्यक सेवाओं को संभालेगा, ताकि स्थानीय स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव कम हो. यह भूकंप एक सदी से अधिक समय में सबसे घातक साबित हुआ है, जिसमें मृतकों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है.
भारत-म्यांमार सहयोग
विदेश मंत्रालय और म्यांमार के अधिकारियों के साथ समन्वय में, भारत क्षेत्र में पहला सहायता प्रदाता बनकर उभरा है. यह सहायता न केवल मानवीय मदद है, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक भी है.
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