Congress Lok Sabha Leadership Team: लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने लोकसभा नेतृत्व टीम बनाई है. टीम में दो ओबीसी नेता, एक दलित और एक मुस्लिम नेता को शामिल किया गया है, जो लोकसभा में राहुल गांधी का साथ देंगे. कांग्रेस ने इन नेताओं की उपनेता, मुख्य सचेतक और सचेतक के रूप में नियुक्ति की है.
कांग्रेस ने जोरहाट के सांसद गौरव गोगोई को लोकसभा में अपना उपनेता, मवेलिक्कारा के सांसद के. सुरेश को मुख्य सचेतक और विरुद्धनगर के सांसद मणिकम टैगोर, किशनगंज के सांसद मोहम्मद जावेद को निचले सदन में सचेतक नियुक्त किया है. इनकी नियुक्ति कर कांग्रेस ने जातियों, समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास किया है.
सुरेश केरल के दलित नेता हैं, जबकि टैगोर तमिलनाडु के ओबीसी नेता हैं. मोहम्मद जावेद बिहार से ताल्लुक रखने वाले मुस्लिम नेता हैं. वहीं, गौरव गोगोई असम से हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं.
कांग्रेस के एक सीनियर सांसद ने कहा कि ये स्पष्ट है कि पार्टी ने विभिन्न समुदायों और राज्यों के नेताओं को शामिल किया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न स्थानों, जातियों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देना है. चूंकि, लोकसभा में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हमारे नेता हैं, इसलिए हमने व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए लोगों को शामिल किया है. नियुक्तियों से यह भी पता चलता है कि वंचित समुदायों के प्रतिनिधित्व की बात करें तो पार्टी अपनी बात पर खरी उतरती है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने इन नियुक्तियों की घोषणा की. वेणुगोपाल ने रविवार को कहा कि कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को को पत्र लिखकर नियुक्तियों के बारे में सूचित किया है.
वेणुगोपाल ने नवनियुक्त सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के मार्गदर्शन में कांग्रेस और भारतीय पार्टियां लोकसभा में जनता का पक्ष पूरी ऊर्जा के साथ रखेंगी.
गौरव गोगोई
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे 41 साल के गौरव पिछली लोकसभा में भी कांग्रेस के उपनेता थे. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने मौजूदा भाजपा सांसद तपन कुमार को हराया था. गौरव गोगोई ने जोरहाट लोकसभा सीट पर 1.44 लाख वोटों से जीत हासिल की है.
कलियाबोर से चुनाव लड़ने वाले गौरव गोगोई ने इस बार जोरहाट से चुनाव लड़ा था, क्योंकि पिछले साल परिसीमन की वजह से कलियाबोर लोकसभा क्षेत्र बदल गया था, जो उनके परिवार का गढ़ था. गौरव की नियुक्ति से पार्टी को मणिपुर मुद्दे को सदन में उठाने में मदद मिलेगी. साथ ही, यह भी उम्मीद है कि वे निचले सदन में पूर्वोत्तर की कांग्रेस की आवाज बनेंगे.
के सुरेश
18वीं लोकसभा के गठन के बाद से ही सुरेश चर्चा में रहे हैं. सदन के सबसे सीनियर मेंबर होने के बावजूद प्रोटेम स्पीकर के पद के लिए उनकी अनदेखी किए जाने के बाद वे विवादों के केंद्र में थे. कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब की नियुक्ति परंपरा के खिलाफ है.
केरल के रहने वाले 62 साल के कांग्रेस नेता सुरेश आठ बार सांसद रह चुके हैं और उन्होंने मावेलिक्कारा और अदूर की तत्कालीन लोकसभा सीट का चार-चार बार प्रतिनिधित्व किया है. वे पहली बार 1989 में निचले सदन के लिए चुने गए थे और 2009 से मावेलिक्कारा सीट पर काबिज हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने सीपीआई के सीए अरुण को 10,000 वोटों से हराया. उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री भी रहे हैं. वे AICC के सचिव भी रह चुके हैं.
मणिकम टैगोर
तमिलनाडु के विरुद्धनगर से तीन बार सांसद रहे 49 साल के टैगोर पिछली लोकसभा में भी पार्टी के सचेतक थे. हाल के चुनावों में उन्होंने डीएमडी के केवी विजय प्रभाकरन को 4,379 मतों से हराया था.
टैगोर ने NSUI से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. वे कांग्रेस में कई प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. राहुल गांधी के विश्वासपात्र माने जाने वाले टैगोर ने हाल ही में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कांग्रेस के साथ अन्याय किया है.
मोहम्मद जावेद
चार बार विधायक और 2000 से 2004 तक बिहार सरकार में मंत्री रहे 61 साल के मोहम्मद जावेद ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 2004 में बिहार की समस्तीपुर सीट से लड़ा था. लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने जेडी(यू) के मुजाहिद आलम को 59,000 से ज़्यादा वोटों से हराया. उनके पिता मोहम्मद हुसैन आज़ाद छह बार विधायक और बिहार में कई बार मंत्री रह चुके हैं.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि किसी मुस्लिम को ऐसा पद देना दिखाता है कि पार्टी देश के अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी है. ये लगातार चार बार कांग्रेस के सांसद चुनने के लिए किशनगंज के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका भी हो सकता है.