अमेरिका की पूर्व स्पीकर रहीं नैंसी पेलोसी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल इन दिनों भारत में हैं. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में इस प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की. इसी दौरान निर्वासित तिब्बतियों ने अमेरिकी डेलिगेट्स को सम्मानित भी किया है. इसी दौरान नैंसी पेलोसी ने कुछ ऐसा कह दिया जो चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बहुत बुरा लग सकत है. नैंसी पेलोसी ने बिना नाम लिए कहा कि चीन के राष्ट्रपति तो चले जाएंगे और उन्हें कोई याद नहीं रखेगा. नैंसी पेलोसी ने दलाई लामा की तारीफ करते हुए कहा कि वह हमेशा रहेंगे लेकिन चीन के राष्ट्रपति हमेशा नहीं रहेंगे. चीन पहले ही अमेरिकी नेताओं की दलाई लामा से मुलाकात पर चिढ़ा हुआ है.
नैंसी पेलोसी ने अपने भाषण में कहा, 'अपने ज्ञान के संदेश, परंपराओं, दया, आत्म की पवित्रता और प्यार के दम पर हमेशा जिंदा रहेंगे और उनकी पहचान हमेशा जिंदा रहेगी लेकिन चीन के राष्ट्रपति आप चले जाएंगे, कोई आपको किसी भी बात का श्रेय नहीं देगा. जब मैं चीन की सरकार की आलोचना करती हूं तो दलाई लामा मुझे रोकते हैं, वह कहते हैं कि नैंसी के लिए प्रार्थना करिए कि वह अपना नकारात्मक एटिट्यूड छोड़ दे. मैं उम्मीद करती हूं कि आज वह मुझे इजाजत देंगे कि मैं यह कह सकूं कि बदलाव हो रहा है.'
#WATCH | Himachal Pradesh: Former US House Speaker Nancy Pelosi says "...His Holiness Dalai Lama, with his message of knowledge, tradition, compassion, purity of soul and love, will live a long time and his legacy will live forever. But you, the President of China, you'll be gone… pic.twitter.com/zf4GP5W4g6
— ANI (@ANI) June 19, 2024
उन्होंने आगे कहा, 'जैसा कि मेरे साथियों ने कहा कि उम्मीद से ही भरोसा आता है और तिब्बत के लोगों को यह भरोसा कि दूसरों का भी अच्छा हो, यही अंतर पैदा कर देता है.' नैंसी पेलोसी ने अपने भाषण में दलाई लामा की जमकर तारीफ की और चीन को जमकर लताड़ा. बता दें कि चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को सलाह दी है कि वह तिब्बत बिल पर दस्तखत न करें. रिजॉल्व तिब्बत एक्ट पहले ही अमेरिकी सीनेट से पास हो चुका है, जिसको लेकर चीन टेंशन में आ गया है.
बता दें कि अमेरिका का यह बिल चीन और तिब्बत के मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत की वकालत करत है. हालांकि, चीन ने साफ कहा है कि यह उसका आंतरिक मामला है और इसमें दखल देने का हक किसी को भी नहीं है. वहीं, निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों का कहना है कि तिब्बत पर चीन ने अवैध रूप से कब्जा किया है. तिब्बत के इन लोगों का मानना है कि चीन का एक बड़ा हिस्सा तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन का हिस्सा है जबकि चीन ने इन इलाकों को इससे बाहर कर दिया है.