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जमीन से लेकर आसमान तक दिखेगा भारत का दम, सुरक्षा पर खर्च होंगे 45 हजार करोड़...पस्त होंगे दुश्मन

Indian Defence Sector: रक्षा मंत्रालय ने 45,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है.

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Edited By: Amit Mishra
जमीन से लेकर आसमान तक दिखेगा भारत का दम, सुरक्षा पर खर्च होंगे 45 हजार करोड़...पस्त होंगे दुश्मन

Indian Armed Forces Proposals: भारत (India) लगातार अपनी सुरक्षा तैयारियों को पुख्ता करने में लगा है. इस क्रम में दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने प्लान तैयार किया है जिसमें करीब 45 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के तहत आने वाले रक्षा अधिग्रहण परिषद यानी DAC ने 45,000 करोड़ रुपये के लगभग 9 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज के अनुसार इस कदम से भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूती मिलेगी.

बढ़ेगी ताकत, डरेगा दुश्मन

रक्षा मंत्रालय ने कहा, ''ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से की जाएगी, जिससे 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.'' रक्षा मंत्रालय ने जिन हथियार प्रणालियों और अन्य उपकरणों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी है उनमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र, 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और डोर्नियर विमान शामिल हैं. खास बात ये है कि 'मेक इन इंडिया' तहत खरीद प्रस्तावों को मंजूरी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच मिली है.

 

हर मोर्चे पर है नजर

DAC ने तोपखाने और राडार को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनकी तैनाती के लिए हाई मोबिलिटी व्हीकल (एचएमवी) की खरीद को भी मंजूरी दी है. मंत्रालय ने कहा कि DAC ने भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दी है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा, गतिशीलता, हमले की क्षमता बढ़ाने के लिए DCA ने बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहन (एलएएमवी) और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली (आईएसएटी-एस) की खरीद को मंजूरी दी है.

आ गया है समय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब स्वदेशीकरण की दिशा में और आगे बढ़ने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि आईडीडीएम प्रोजेक्ट्स के तहत 50 फीसदी घर पर बने सामानों की लिमिट को बढ़ाना जरूरी हो गया है और इसे 60 से 65 फीसदी करने की समय आ गया है. उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेना प्रमुखों, रक्षा सचिव और डीजी (अधिग्रहण) को भारतीय उद्योग के परामर्श से न्यूनतम स्वदेशी सामान की लिमिट बढ़ाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है.

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