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India Daily

DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, महंगाई भत्ते में 2% की बढ़ोतरी!

केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल महंगाई भत्ते को लेकर सरकार की ओर कर्मचारी अपनी नजर बनाए हुए थे. उनका ये इंतजार खत्म होने वाला है. खबरों की मानें तो 2% की बढ़ोतरी को सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस बदलाव के साथ ही डीए 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा. इससे कर्मचारियों की सैलरी बढ़कर मिलेगी.

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Edited By: Reepu Kumari
DA Hike
Courtesy: Pinterest

DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है. दरअसल महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दे दी है.

इस संशोधन के साथ, डीए 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा, जिससे कर्मचारियों को वेतन में वृद्धि मिलेगी. पिछली बार डीए साल 2025 में बढ़ाया गया था. वस वक्त 50% से बढ़ाकर 53% हुआ था.

महंगाई भत्ता क्या है?

महंगाई भत्ता इसलिए दिया जाता है ताकि सरकारी कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई में अपना गुजारा कर सकें. 

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बढ़ती जीवन लागत के कारण वेतन अपना मूल्य न खो दे. जबकि मूल वेतन हर 10 साल में वेतन आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है, महंगाई के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए डीए को समय-समय पर समायोजित किया जाता है।

पात्रता 

यह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किया जाने वाला लाभ है.

गणना

डीए की गणना आमतौर पर किसी व्यक्ति के मूल वेतन या पेंशन के प्रतिशत के रूप में की जाती है.

कर दायित्व

भारत में आयकर अधिनियम के तहत महंगाई भत्ता पूरी तरह से कर योग्य है.

हालिया अपडेट

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए हाल ही में 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी 46% की पिछली दर से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है.

डीए हाइक से किसे लाभ होगा?

महंगाई भत्ते में वृद्धि से निम्नलिखित को लाभ होगा;

  • केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
  • पेंशनरों
  • पारिवारिक पेंशनभोगी

डीए का अर्थ

भारत में वेतन और पेंशन के संदर्भ में डीए का अर्थ है महंगाई भत्ता.  सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मुद्रास्फीति के प्रभाव को संतुलित करने के लिए प्रदान किया जाने वाला जीवन-यापन लागत समायोजन है ये. महंगाई भत्ता (डीए) एक मौद्रिक मुआवजा है जिसका उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं पर मूल्य वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करके व्यक्तियों की क्रय शक्ति को बनाए रखना है.