Nagpur Violence: महाराष्ट्र साइबर सेल ने नागपुर हिंसा के दौरान सोशल मीडिया पर फैलाई गई 140 से अधिक आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो की पहचान की है. इन पोस्ट को फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया था. पुलिस ने अब तक इस मामले में 10 एफआईआर दर्ज कर ली हैं और संबंधित खातों की जांच कर रही है.
बता दें कि नागपुर पुलिस की साइबर सेल ने एक बांग्लादेशी फेसबुक अकाउंट की पहचान की है, जिसने दंगे भड़काने की धमकी दी थी. पोस्ट में लिखा था कि ''सोमवार को हुआ दंगा एक छोटी घटना थी, आगे इससे भी बड़े दंगे होंगे.'' पुलिस ने फेसबुक से इस अकाउंट को ब्लॉक करने का अनुरोध किया है.
बताते चले कि आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79(3)(बी) के तहत नोटिस जारी कर सामग्री हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. साथ ही, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 94 के तहत इन खातों को संचालित करने वाले व्यक्तियों की पहचान उजागर करने के निर्देश दिए गए हैं.
फर्जी खबरें फैला रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स
वहीं, हिंसा के दौरान गलत जानकारी फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का उपयोग किया गया. पिछले दो दिनों में कई पोस्ट में दावा किया गया कि दंगे में घायल दो लोगों की अस्पताल में मौत हो गई, लेकिन यह पूरी तरह गलत सूचना थी. महाराष्ट्र साइबर ने 97 ऐसे पोस्ट को चिह्नित किया है जो अफवाहें फैला रहे थे. पुलिस ने जनता से सोशल मीडिया पर किसी भी असत्यापित खबर पर विश्वास न करने और भ्रामक जानकारी फैलाने से बचने की अपील की है.
90 आरोपी गिरफ्तार, 1,000 की हो रही पहचान
हालांकि, नागपुर पुलिस ने हिंसा में शामिल 200 लोगों की पहचान कर ली है और 1,000 अन्य संदिग्धों की पहचान की प्रक्रिया जारी है. अब तक 90 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने 18 विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए हैं, जो सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर दोषियों को पकड़ने का काम कर रहे हैं.
एमवीए नेता राज्यपाल से करेंगे मुलाकात
बहरहाल, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता आज सुबह 11:30 बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. वे नागपुर हिंसा और सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा, विधान परिषद में अनुचित कामकाज को लेकर भी मुद्दे उठाए जाएंगे.