Waqf Bill Controversy: वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर इंडिया गठबंधन में गहरी दरार देखने को मिल रही है. जहां कांग्रेस और डीएमके इस विधेयक को असंवैधानिक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, वहीं शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) का कहना है कि अब इस मुद्दे पर वे कोई कानूनी लड़ाई नहीं लड़ेंगे. पार्टी के सांसद संजय राउत ने साफ कहा है कि संसद में हमने अपनी बात कह दी, अब यह फाइल हमारे लिए बंद हो चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी शिवसेना-यूबीटी
बता दें कि बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. वहीं, शिवसेना-यूबीटी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे. हमने जो कहना था, संसद के दोनों सदनों में कह दिया. हमारे लिए यह मुद्दा अब खत्म हो गया है.''
वक्फ बिल पर उद्योगपतियों को फायदा देने का आरोप
वहीं संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि वक्फ संशोधन विधेयक हिंदुत्व से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसे कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा था, ''अगर कोई इस बिल को हिंदुत्व से जोड़ रहा है, तो वह बेवकूफ है. इसका असली मकसद वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कुछ उद्योगपतियों की नजर है.''
प्रफुल्ल पटेल का तंज, राउत का पलटवार
बताते चले कि राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने संजय राउत पर तंज कसते हुए कहा, ''बाला साहेब ठाकरे को गर्व था कि उनके शिव सैनिकों ने बाबरी मस्जिद गिराई... लेकिन आज के शिवसैनिक बोलने में हिचकिचा रहे हैं.''
इसके जवाब में संजय राउत ने संसद के बाहर मीडिया से कहा, ''प्रफुल्ल पटेल को बाबा साहेब की बातें करने का कोई हक नहीं. शरद पवार को धोखा देकर भाग गए, अब निष्ठा की बातें करते हैं. ईडी की चार्जशीट पढ़ लें, खुद मोदी ने इन पर इकबाल मिर्ची और दाऊद से रिश्तों का आरोप लगाया था.''
बता दें कि संजय राउत के हमले पर प्रफुल्ल पटेल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, ''अंगूर खट्टे हैं...'' और आगे जोड़ा, ''मेरे इतिहास पर बोलने से पहले पवार साहब से पूछ लेते तो बेहतर होता.''