चीनी सैनिकों के सामने डट गए लद्दाख के चरवाहे, जमकर हुई बहस, वायरल वीडियो जीत लेगा दिल
एसएसी के पास भेड़ चराने वाले चरवाहों के एक समूह ने चीन के सैनिकों को करारा जवाब दिया. सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को रोकने की कोशिश की.

नई दिल्ली: भारत और चीन सीमा पर तनाव के बीच लद्दाख के चरवाहों ने चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया. एसएसी के पास भेड़ चराने वाले चरवाहों के एक समूह ने चीन के सैनिकों को करारा जवाब दिया. सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को रोकने की कोशिश की. गलवान संघर्ष के बाद स्थानीय चरवाहों ने इस क्षेत्र में जानवरों को चराना बंद कर दिया था. पीएलए सैनिकों के साथ बहस एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल है.
पिछले तीन वर्षों में, पूर्वी लद्दाख में खानाबदोशों ने एलएसी के पास कई इलाकों में जानवरों को चराना बंद कर दिया था. यह पहली बार है कि उन्होंने क्षेत्र में अपने अधिकारों का दावा किया है और पीएलए सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया है. LAC एक सीमांकन रेखा है जो भारतीय और चीनी क्षेत्रों को अलग करती है.
चुशूल के पार्षद का पोस्ट
चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने स्थानीय चरवाहों और भारतीय सेना की प्रशंसा की. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चरवाहों और खानाबदोशों को पैंगोंग के उत्तरी तट के साथ पारंपरिक चरागाहों में अपने अधिकारों का दावा करने की सुविधा प्रदान करने में @फायरफ्यूरीकॉर्प्स_आईए द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव को देखना खुशी की बात है.''
बख्तरबंद वाहन से थे चीनी सैनिक
वीडियो में मौके पर कम से कम तीन चीनी बख्तरबंद वाहन और कई सैनिक दिखाई दे रहे हैं. वाहन अलार्म बजाते हैं, जाहिर तौर पर चरवाहों को वहां से चले जाने का संकेत देते हैं. लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े हैं और पीएलए सैनिकों के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं. चरवाहों का कहना है कि वे भारतीय क्षेत्र में चर रहे हैं. कुछ मौकों पर जब झगड़ा बढ़ जाता है तो कुछ चरवाहे पत्थर उठाते नजर आते हैं. लेकिन वीडियो में हिंसा भड़कती नहीं दिख रही है. वीडियो में दिख रहे चीनी सैनिक हथियारबंद नहीं हैं.
कई बार हो चुकी है झड़प
भारत और चीन एक सीमा विवाद में उलझे हुए हैं जिसके कारण अक्सर एलएसी पर झड़पें होती रहती हैं. 2020 में गलवान घाटी में एक बड़ी झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए. जबकि चीन का दावा है कि उन्होंने 4 सैनिक खोए हैं, हालांकि रिपोर्टों का कहना है कि संख्या बहुत अधिक थी. तनाव बढ़ने के बाद से दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई बैठकें की हैं.