नई दिल्ली: भारत और चीन सीमा पर तनाव के बीच लद्दाख के चरवाहों ने चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया. एसएसी के पास भेड़ चराने वाले चरवाहों के एक समूह ने चीन के सैनिकों को करारा जवाब दिया. सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को रोकने की कोशिश की. गलवान संघर्ष के बाद स्थानीय चरवाहों ने इस क्षेत्र में जानवरों को चराना बंद कर दिया था. पीएलए सैनिकों के साथ बहस एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल है.
पिछले तीन वर्षों में, पूर्वी लद्दाख में खानाबदोशों ने एलएसी के पास कई इलाकों में जानवरों को चराना बंद कर दिया था. यह पहली बार है कि उन्होंने क्षेत्र में अपने अधिकारों का दावा किया है और पीएलए सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया है. LAC एक सीमांकन रेखा है जो भारतीय और चीनी क्षेत्रों को अलग करती है.
चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने स्थानीय चरवाहों और भारतीय सेना की प्रशंसा की. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चरवाहों और खानाबदोशों को पैंगोंग के उत्तरी तट के साथ पारंपरिक चरागाहों में अपने अधिकारों का दावा करने की सुविधा प्रदान करने में @फायरफ्यूरीकॉर्प्स_आईए द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव को देखना खुशी की बात है.''
It is heartening to see the positive impact made by @firefurycorps_IA
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) January 30, 2024
in Border areas of Eastern Ladakh in facilitating the graziers & nomads to assert their rights in traditional grazing grounds along the north bank of Pangong.
I would like to thank #IndianArmy for such strong… pic.twitter.com/yNIBatPRKE
उन्होंने लिखा, देखिए कैसे हमारे स्थानीय लोग पीएलए के सामने अपनी बहादुरी दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि जिस क्षेत्र को वे रोक रहे हैं वह हमारे खानाबदोशों की चरागाह भूमि है. पीएलए हमारे खानाबदोशों को हमारे क्षेत्र में चरने से रोक रही है. ऐसा लगता है कि विभिन्न कारणों से यह कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है लेकिन मैं हमारे खानाबदोशों को सलाम करता हूं, जो हमेशा हमारी भूमि की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं और राष्ट्र की दूसरी संरक्षक शक्ति के रूप में खड़े होते हैं.
See how our local people are showing their bravery in front of the PLA claiming that the area they are stopping is our nomad's grazing land. PLA stopping our nomads from grazing in our territory. Seems it is never a never-ending process due to different lines of perceptions. But…
— Konchok Stanzin (@kstanzinladakh) January 30, 2024
वीडियो में मौके पर कम से कम तीन चीनी बख्तरबंद वाहन और कई सैनिक दिखाई दे रहे हैं. वाहन अलार्म बजाते हैं, जाहिर तौर पर चरवाहों को वहां से चले जाने का संकेत देते हैं. लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े हैं और पीएलए सैनिकों के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं. चरवाहों का कहना है कि वे भारतीय क्षेत्र में चर रहे हैं. कुछ मौकों पर जब झगड़ा बढ़ जाता है तो कुछ चरवाहे पत्थर उठाते नजर आते हैं. लेकिन वीडियो में हिंसा भड़कती नहीं दिख रही है. वीडियो में दिख रहे चीनी सैनिक हथियारबंद नहीं हैं.
भारत और चीन एक सीमा विवाद में उलझे हुए हैं जिसके कारण अक्सर एलएसी पर झड़पें होती रहती हैं. 2020 में गलवान घाटी में एक बड़ी झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए. जबकि चीन का दावा है कि उन्होंने 4 सैनिक खोए हैं, हालांकि रिपोर्टों का कहना है कि संख्या बहुत अधिक थी. तनाव बढ़ने के बाद से दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई बैठकें की हैं.