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कॉपी, कलम, कुरान...मुंबई आतंकी हमले के सरगना तहव्वुर राणा ने जेल में NIA से क्या-क्या मांगा?

हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा को दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय में लाया गया है. मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय और उनकी टीम इस पूछताछ का नेतृत्व कर रही है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से दिल्ली में गहन पूछताछ कर रही है. इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 230 से अधिक घायल हुए थे. सूत्रों के अनुसार, एनआईए राणा से प्रतिदिन 8 से 10 घंटे तक सवाल-जवाब कर रही है ताकि इस आतंकी साजिश के पीछे के व्यापक नेटवर्क का खुलासा हो सके.

दिल्ली में चल रही पूछताछ

हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा को दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय में लाया गया है. मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय और उनकी टीम इस पूछताछ का नेतृत्व कर रही है. जांच का मुख्य फोकस राणा की उस भूमिका पर है, जो उसने अपने बचपन के दोस्त और सह-अभियुक्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश में निभाई थी. हेडली वर्तमान में अमेरिका में जेल में है.

राणा ने मांगी ये चीजें
सूत्रों ने बताया कि राणा जांच में सहयोग कर रहा है. उसने केवल तीन चीजों की मांग की है - एक कलम, एक नोटपैड और कुरान की एक प्रति. ये सभी चीजें उसे उपलब्ध करा दी गई हैं. राणा ने कोई विशेष खान-पान की मांग नहीं की है और उसे हिरासत में मानक प्रोटोकॉल के अनुसार भोजन दिया जा रहा है. 64 वर्षीय यह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी उच्च सुरक्षा वाली सेल में है, जहां उस पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है.

सबूतों के आधार पर पूछताछ
एनआईए राणा से कॉल रिकॉर्ड, भारत में उसकी यात्रा के इतिहास और खुफिया जानकारी के आधार पर सवाल कर रही है. राणा को 10 अप्रैल को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था. लंबी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के बाद दिल्ली की एक अदालत ने एनआईए को 18 दिन की हिरासत दी है.

गंभीर आरोप और जांच
राणा पर आपराधिक साजिश, हत्या और आतंकवाद से संबंधित अपराधों के तहत आरोप हैं, जिनमें गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) और सार्क सम्मेलन (आतंकवाद का दमन) अधिनियम शामिल हैं. एनआईए ने 11 नवंबर, 2009 को राणा, हेडली और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच में लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी के शीर्ष आतंकियों जैसे हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद माजिद, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सैयद के साथ-साथ पाकिस्तानी आईएसआई के अधिकारियों मेजर इकबाल और मेजर समीर अली का भी नाम सामने आया है.