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'अहमद तुम कैसे हो? तुम्हारी रीना...', NCERT की किताब में 'चैप्टर' पर बवाल

एनसीईआरटी की तीसरी क्लास की किताब के एक चैप्टर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. छतरपुर के खजुराहो में एक छात्रा के पिता ने इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला बताया है.खजुराहो निवासी डॉक्टर राघव का कहना है कि 'मुझे वहां के रिप्लाई का इंतजार है. 'जब तक जवाब नहीं आता, तब तक मैं लोगों को जागरूक करता रहूंगा.'

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Edited By: India Daily Live
NCERT's third class book
Courtesy: Social Media

मध्यप्रदेश में एनसीईआरटी की तीसरी क्लास की किताब के एक चैप्टर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. छतरपुर के खजुराहो में एक छात्रा के पिता ने इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला बताया है. छात्रा के पिता डॉक्टर राघव पाठक ने पाठ के कंटेंट को लेकर शुक्रवार को एनसीईआरटी के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को मेल भेजा है. उन्होंने पाठ के कंटेंट को साजिश बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है.

खजुराहो निवासी डॉक्टर राघव का कहना है कि मुझे वहां के रिप्लाई का इंतजार है. जब तक जवाब नहीं आता, मैं लोगों को जागरूक करता रहूंगा. लोगों से कहूंगा कि वह भी विरोध करें. क्योंकि सिर्फ मेरी बच्ची ही क्लास में नहीं पढ़ रही है. मैं सिलेबस के अन्य कंटेंट को भी देखूंगा कि और कहां इस तरीके का षड्यंत्र किया जा रहा है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि क्लास तीन की पर्यावरण विषय की बुक में जिस अध्याय 17 के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई है. उसका शीर्षक है, चिट्ठी आई है. इसमें एक पोस्टकार्ड छपा है. इसमें लिखा है,अहमद तुम बताओ, तुम कैसे हो. हम सब दोस्तों को तुम्हारी याद आती है. आशा है छुट्टियों में तुम अगरतला आओगे.सभी बड़ों को प्रणाम, तुम्हारी रीना.'

वहीं किताब के पन्ने पर इस तरह के शब्दों को देखकर कर बच्ची के पिता ने पुलिस से इसकी शिकायत की है.  जिसमें पाठ के कंटेंट के पीछे जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. उन्होंने कहा कि किताब के एक अध्याय में रीना नाम की हिंदू लड़की एक मुस्लिम नाम के अहमद को पत्र लिख रही. यह लव जिहाद को बढ़ाने के उद्देश्य से सोची समझी साजिश है.

राज्य सरकार का या लोकल बॉडी का लेना-देना नहीं 

इस पूरे मामले पर एसडीओपी सलिल शर्मा ने बताया कि खजुराहो निवासी राघव पाठक ने एक आवेदन पक्ष दिया है. जिसमें उन्होंने एनसीईआरटी के क्लास तीन के एक अध्याय पर आपत्ति जताई है. जिसमें मैंने उन्हें समझाया है कि इस संबंध में राज्य सरकार का या लोकल बाडी का कुछ लेना-देना नहीं है.