नई दिल्ली: पीएम मोदी के हाथों भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में तैयारियां अपने अंतिम चरण में है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए काशी के पांच वैदिक विद्वान अयोध्या पहुंच गये है. इन विद्वानों ने मुख्य मंदिर के द्वार सामने पहले से चिह्नित जगहों पर दो यज्ञ मंडप और नौ हवन कुंडों का निर्माण शुरू करवाया है. यज्ञ मंडप 60-60 वर्गफीट के होंगे, जबकि हवन कुंड नौ आकार के बनाए जाएंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि 10 जनवरी तक यज्ञ मंडप और हवन कुंडों का निर्माण पूरा हो जाएगा.
प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले काशी के प्रकांड वैदिक विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और अनुष्ठान कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले काशी के कर्मकांडी पंडितों का दूसरा दल 15 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगा. हवन में प्रयोग होने वाली नौ तरह की लकड़ियों से तैयार सामग्री, समिधा (हवन सामग्री) तथा रामलला को विराजमान कराने के लिए सप्तधान्य और नवरत्न (हीरा, पन्ना आदि) पूजन सामग्री ये वैदिक विद्वान काशी से लेकर आएंगे.
6 जनवरी : मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशाविद स्नान, विष्णु पूजन एवं गोदान.
17 जनवरी: रामलला की मूर्ति के साथ जुलूस निकलेगा अयोध्या, मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे.
18 जनवरी : गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजा आदि के साथ विधिवत अनुष्ठान शुरू होंगे.
19 जनवरी: अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन.
20 जनवरी : मंदिर के गर्भगृह को सरयू के पवित्र जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा.
21 जनवरी : 125 कलशों से दिव्य स्नान के बाद शयाधिवास किया जाएगा.
22 जनवरी : सुबह पूजा के बाद दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामल्ला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा.
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा. मध्याह्न काल में मृगशिरा नक्षत्र में 84 सेकेंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री मोदी रामलला के विग्रह की आंखों में बंधी पट्टी यानी दिव्य दृष्टि खोलने के बाद काजल व टीका लगाने के साथ-साथ भगवान रामलला की महाआरती करेंगे.