Constitution Debate: लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में होगी संविधान पर बहस, अविश्वास प्रस्ताव का गरमाया मुद्दा

हंगामेदार संसदीय सत्र के बीच आज राज्यसभा में भारतीय संविधान पर बहस होगी. इस बीच सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा भी चरम पर है. 

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Kamal Kumar Mishra

Constitution Debate: लोकसभा में संविधान को लेकर तीखी बहस के बाद , राज्यसभा में सोमवार और मंगलवार को चर्चा होगी. यह बहस उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा दायर अविश्वास प्रस्ताव पर बढ़ते तनाव के बीच हो रही है.

भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा आज सुबह 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर चर्चा की शुरुआत करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जवाब देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार को अपना जवाब देने की उम्मीद है. सत्तारूढ़ भाजपा के अन्य प्रमुख वक्ताओं में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और हरदीप सिंह पुरी के साथ-साथ सांसद सुधांशु त्रिवेदी, भूपेन्द्र यादव और बृजलाल शामिल हैं. 

इन मुद्दों को लेकर हंगामा

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान पर बहस विपक्ष की प्रमुख मांग रही है. हालांकि, अडानी विवाद, जॉर्ज सोरोस के आरोपों और धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस सहित कई मुद्दों पर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.

पिछले सप्ताह, राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी क्योंकि विपक्षी सांसदों ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा सांसदों के साथ बहस की, जिसमें उन पर पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया गया था. शुक्रवार का सत्र पहले घंटे के भीतर ही स्थगित कर दिया गया क्योंकि सभापति और राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

धनखड़ ने कहा मैं किसान का बेटा

सदन की पिछली बैठक के दौरान एक तीखे जवाब में धनखड़ ने कहा, 'यह मेरे खिलाफ नहीं बल्कि किसान समुदाय के खिलाफ अभियान है, जिससे मैं ताल्लुक रखता हूं. एक किसान के बेटे के रूप में, मैं कमजोरी नहीं दिखाऊंगा.'


तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवधान के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पार्टी राज्यसभा में सुचारू कामकाज के पक्ष में है. ओ ब्रायन ने कहा, "यदि भाजपा संसद की कार्यवाही बाधित नहीं करती है, तो हम चाहते हैं कि सदन चले और संविधान पर बहस हो." उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता के मुद्दों पर केंद्रित चर्चा चाहता है.

कांग्रेस ने 'खून का स्वाद' चखा- पीएम मोदी

14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर बहस पूरी हो गई, जिसके दौरान विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर संविधान को नष्ट करने का आरोप लगाया. अपने जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए "संविधान को नष्ट करने" का आरोप लगाया. पीएम ने कहा कि "कांग्रेस ने सत्ता के लालच में खून का स्वाद चखा है." उन्होंने कहा कि 2014 से उनकी सरकार की नीतियां भारत की एकता और लोकतंत्र को मजबूत करने के संविधान के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं.